वायुसेना प्रमुख का बयान: ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों का शानदार सामंजस्य
नई दिल्ली वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मंगलवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर स्पष्ट दिशा-निर्देशों, भारत की स्वदेशी क्षमताओं और तीनों सेनाओं के बीच प्रभावी समन्वय का 'उत्कृष्ट उदाहरण' था। यह टिप्पणी वायुसेना प्रमुख ने 93वें वायुसेना दिवस से एक दिन पहले अपने संदेश में की।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, भारतीय वायु सेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाकर, नवाचार को अपनाकर और व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए अपने देश के आकाश की रक्षा करती रहेगी। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि उनके बल की सर्वोच्च प्राथमिकता भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, वायुसेना ने लड़ाकू भूमिका से आगे बढ़कर हमेशा लोगों के साथ खड़ी रही है। बाढ़ और आपदाओं के दौरान लोगों की जान बचाई है और ऑपरेशन सिंधु तथा ऑपरेशन ब्रह्मा के दौरान संघर्ष क्षेत्रों से नागरिकों को निकाला है।
उन्होंने कहा, भारतीय वायु सेना राष्ट्र के आह्वान पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली रही है और आगे भी रहेगी। वायु सेना प्रमुख ने शहीद हुए वीरों को भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की। भारतीय वायु सेना बुधवार को हिंडन एयरबेस पर वायु सेना दिवस मनाएगी। भारतीय वायु सेना की आधिकारिक स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी।
पिछले सप्ताह भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा था कि वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए राफेल लड़ाकू विमान भी विकल्पों में शामिल है। उन्होंने साफ किया कि राफेल पहले से इस्तेमाल में होने के कारण उसे अपनाना वायुसेना के लिए आसान होगा। सरकार 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) खरीदने की बड़ी योजना पर काम कर रही है। यह सौदा करीब 18 अरब अमेरिकी डॉलर का हो सकता है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य खरीद योजनाओं में गिना जा रहा है। 2019 में वायुसेना ने इसके लिए प्रारंभिक टेंडर (आरएफआई) जारी किया था।
एपी सिंह ने कहा था, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस से खरीदे गए एस-400 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी और पाकिस्तान के हर हवाई हमले को नाकाम कर दिया था। जब इसे लेकर सवाल किया गया तो वायुसेना प्रमुख ने कहा कि 'जाहिर है, इसने अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए, ऐसे और अधिक सिस्टम की जरूरत है। ये कितनी संख्या में खरीदे जा सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है। यह एक अच्छी हथियार प्रणाली साबित हुई है। हमारी अपनी प्रणाली भी विकसित हो रही है, इसलिए हम इस पर हर तरह से विचार करेंगे।'
