एयर इंडिया पायलट की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत

By :  vijay
Update: 2025-04-10 12:24 GMT
एयर इंडिया पायलट की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत
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उनकी उम्र महज 28 वर्ष थी और वो एयर इंडिया के पायलट थे। अरमान की हाल ही में शादी हुई थी और अब वो इस दुनिया में नहीं रहे। अरमान ने बुधवार, 9 अप्रैल को श्रीनगर से उड़ान भरी थी। सब ठीक था। उन्होंने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) पर प्लेन की सुरक्षित लैंडिंग भी की। लेकिन लैंडिंग के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। और बिगड़ी भी तो ऐसी कि जान ही चली गई।

लैंडिंग के बाद हुआ कार्डियक अरेस्ट

एयर इंडिया एक्सप्रेस के जिस विमान को अरमान ने श्रीनगर से उड़ाकर दिल्ली लाया था, उसके स्टाफ ने बताया कि पायलट ने लैंडिंग के बाद कॉकपिट में उल्टी की। उन्हें स्टाफ ने मदद की और तुरंत मेडिकल इमर्जेंसी में अस्पताल ले जाया गया। लेकिन तब तक बहुत दे हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बताया कि अरमान को दिल का दौरा पड़ा था। चूंकि दौरा बहुत तेज था, इस कारण उन्हें उल्टी हुई और उनकी जान चली गई।

एयर इंडिया एक्सप्रेस ने क्या बताया

एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने अरमान की कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत को दुखद बताया। प्रवक्ता ने कहा, 'हमें अपने एक शानदार सहयोगी की आकस्मिक मौत से गहरा दुख हुआ है। गहरे आघात की इस वेला में हमारी संवेदना उनके परिवार के साथ है। हम उन्हें हरसंभव सहायता कर रहे हैं और इस भारी नुकसान से निपट रहे हैं।' एयरलाइंस ने कहा, 'हम सभी से आग्रह करते हैं कि इस मामले में निजता का उल्लंघन नहीं करें और फालतू की अटकलों को हवा नहीं दें। हम संबंधित अथॉरिटीज की मदद को तैयार हैं।'

DGCA ने की है पायलटों की चिंता

ध्यान रहे कि एयरलाइंस कंपनियों में स्टाफ की कमी का मुद्दा कई बार जोर पकड़ चुका है। इसी वर्ष फरवरी में नागरिक उड्डयन महानिदेक (DGCA) ने सिलसिलेवार रूप से एक रोडमैप लाने का प्रस्ताव रखा था कि कोई पायलट कब और कितनी लंबी उड़ान पर जा सकता है ताकि एयर क्रू को परेशानी नहीं हो। डीजीसीए ने यह बात दिल्ली हाई कोर्ट को लिखित में बताई थी।

हाई कोर्ट का निर्देश, समय से लागू हों नए नियम

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीसीए के प्रस्ताव में पायलटों के लिए सप्ताह में 36 घंटे के बजाय 48 घंटे का आराम दिए जाने की बात थी। यह नियम 1 जुलाई, 2025 से लागू किए जाने और 1 नवंबर, 2025 से धीरे-धीरे रात की उड़ानें कम करने का प्रस्ताव था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 24 फरवरी को डीजीसीए से कहा था कि वो अपने प्रस्ताव को समयसीमा के मुताबिक लागू करे।

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