एसआईआर के बीच बंगाल में आज पीएम मोदी की जनसभा, मतुआ समुदाय के गढ़ में पहली बड़ी रैली
कोलकाता | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पश्चिम बंगाल दौरे पर रहेंगे, जहां वे कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और जनसभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह बंगाल दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब बंगाल में मतदाता सूची गहन परीक्षण के मुद्दे पर राजनीतिक पारा गरम है। पीएम मोदी की नादिया जिले में मतुआ समुदाय के गढ़ में जनसभा करेंगे और एसआईआर को लेकर मतुआ समुदाय की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करेंगे।
बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया के बीच पीएम मोदी की पहली जनसभा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले का दौरा करने वाले हैं। एसआईआर का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के बाद यह प्रधानमंत्री का राज्य का पहला दौरा होगा और पिछले पांच महीनों में तीसरा दौरा है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री अपनी इस रैली से मतुआ समुदाय के बीच एसआईआर को लेकर बढ़ती बेचैनी को दूर करने की कोशिश करेंगे। इसके साथ पीएम मोदी अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव का बिगुल भी फूंक सकते हैं। शुक्रवार शाम में एक सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, 'पश्चिम बंगाल के लोगों को केंद्र सरकार की कई जन-समर्थक पहलों से फायदा हो रहा है। साथ ही, वे हर क्षेत्र में टीएमसी के कुशासन के कारण पीड़ित हैं।'
प्रधानमंत्री ने लिखा, 'टीएमसी की लूट और धमकियों ने सभी हदें पार कर दी हैं। इसीलिए, भाजपा से लोगों को उम्मीद है। प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस एसआईआर का लगातार विरोध कर रही है। टीएमसी का आरोप है कि एसआईआर की प्रक्रिया 'जल्दबाजी' में की जा रही है और इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों, खासकर शरणार्थी हिंदुओं को, उनके मताधिकार से वंचित किया जा सकता है। एसआईआर ड्राफ्ट में पश्चिम बंगाल की मतदाता सूचियों में से 58 लाख से ज्यादा नामों को हटाया गया है। इसके बाद राज्य में मतदाताओं की संख्या घटकर 7.08 करोड़ रह गई है।
मतुआ समुदाय को लुभाने की कोशिश
मतुआ समुदाय, जो एक दलित हिंदू समुदाय है और धार्मिक उत्पीड़न के कारण दशकों से बांग्लादेश से पलायन करके भारत आया है। मतुआ समुदाय एसआईआर को लेकर चिंतित है क्योंकि पहचान और दस्तावेजों की कमी के चलते उन्हें अपना नाम कटने का डर है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से 80 सीटों पर इस समुदाय का काफी प्रभाव है। पिछले कुछ वर्षों में, चुनाव नतीजों से पता चला है कि भाजपा ने इस समुदाय में काफी पैठ बनाई है, उन्हें औपचारिक भारतीय नागरिकता देने का वादा किया है।
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार, जो राणाघाट लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने दावा किया कि एसआईआर के बारे में मतुआ लोगों के बीच जानबूझकर डर फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि PM का संदेश इन डर और अफवाहों को दूर करेगा।' मुख्यमंत्री बनर्जी पहले ही नदिया और उत्तर 24 परगना में SIR विरोधी रैलियों का नेतृत्व कर चुकी हैं, ये दोनों पड़ोसी ज़िले बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करते हैं और यहाँ मतुआ समुदाय की अच्छी खासी आबादी है।
बंगाल को 3200 करोड़ रुपये की सौगात देंगे पीएम मोदी
अपने बंगाल दौरे पर प्रधानमंत्री करीब 3,200 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वह नदिया जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के बरजागुली-कृष्णानगर सेक्शन के 66.7 किलोमीटर लंबे फोर-लेन का उद्घाटन करेंगे और उत्तर 24 परगना जिले में 17.6 किलोमीटर लंबे बारासात-बरजागुली सेक्शन के फोर-लेन का शिलान्यास करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि इन परियोजनाओं से कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी लिंक बनने की उम्मीद है, जिससे राज्य के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों में व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
