डीवीसी जलाशयों से पानी छोड़े जाने को लेकर केंद्र-बंगाल आमने-सामने, मंत्री ने सीएम के दावों को नकारा

Update: 2025-10-04 06:20 GMT

नई दिल्ली  जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिनमें उन्होंने दुर्गा पूजा के दौरान राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ लाने के लिए दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की ओर से 'एकतरफा और जानबूझकर' पानी छोड़े जाने का आरोप लगाया था।

पाटिल ने दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि मैथन जलाशय से 42,500 क्यूसेक और पंचेत जलाशय से 27,500 क्यूसेक सहित कुल 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उन्होंने कहा, "यह 1,50,000 क्यूसेक नहीं है जैसा कि पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है।"

 बनर्जी ने पहले आरोप लगाया था कि डीवीसी ने त्योहारों के समय पश्चिम बंगाल में बाढ़ लाने के लिए 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा है। उन्होंने इसे त्योहारों के मौसम में लाखों लोगों को कष्ट पहुंचाने की एक जानबूझकर की गई चाल बताया था। उन्होंने डीवीसी के जलाशयों से पानी छोड़े जाने को "शर्मनाक, असहनीय और अस्वीकार्य" बताया और विरोध दर्ज कराया।

आरोपों जवाब देते हुए पाटिल ने कहा कि डीवीआरआरसी जलाशय संचालन के लिए दामोदर घाटी जलाशय विनियमन नियमावली की ओर से निर्देशित "व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण" का पालन करता है। उन्होंने कहा कि विज्ञप्ति जारी करने से पहले समिति ने राज्य के सिंचाई व जलमार्ग निदेशालय से विचार मांगे थे, लेकिन "कोई टिप्पणी या जानकारी नहीं मिली।" मंत्री ने यह भी कहा कि दामोदर के निचले क्षेत्रें में स्थिति सामान्य बनी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि हुगली जिले के हरिनखोला में जलस्तर चेतावनी की सीमा से नीचे बना हुआ है।

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