कटिहार राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने शनिवार को कटिहार में जोरदार माहौल बनाया। कुर्सेला से अंबेडकर चौक होते हुए कदवा तक निकली इस यात्रा में हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ी। भीड़ में राहुल गांधी और उनके साथ मौजूद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, भाकपा माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य और वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी की एक झलक पाने के लिए समर्थक बेताब नजर आए।
लेकिन इस जोश और भीड़भाड़ के बीच एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने कांग्रेस की छवि पर सवाल खड़े कर दिए। यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी के झंडे सड़क पर बिखरे पड़े दिखे, जिन्हें कई जगह कार्यकर्ताओं और गाड़ियों के पहियों ने रौंद दिया। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि धक्का-मुक्की और अति उत्साह में कार्यकर्ता खुद झंडे सड़क पर छोड़ गए। हालांकि कांग्रेस नेताओं ने इसे मामूली घटना बताकर नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
अब सवाल उठ रहा है कि जिस झंडे को कार्यकर्ता अपनी पहचान और पार्टी की ताकत बताते हैं, वही झंडा यात्रा के दौरान सड़कों पर यूं बिखरकर पैरों तले क्यों रौंदा गया? विपक्ष ने इसे कांग्रेस की लापरवाही करार देते हुए निशाना साधना शुरू कर दिया है।