पटाखों से हादसा: 324 से अधिक घायल, अस्पताल में भर्ती

Update: 2025-10-21 18:43 GMT

नई दिल्ली दिवाली पर पटाखे जलाने की खुशी में 324 से ज्यादा लोग झुलसी हालत में उपचार के लिए दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में उपचार के लिए पहुंचे। इनमें 61 अस्पताल में भर्ती हैं, जिनके कुछ की हालत गंभीर है। हाथ, चेहरा जलने से लेकर आंख में चिंगारी जाने से लोग घायल हुए हैं। पटाखों के अलावा लोग लोहे की पाइप में पोटाश भरकर चलाने से भी झुलसे हैं।

 सफदरजंग अस्पताल के बर्न, प्लास्टिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जर विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार 19 और 20 अक्तूबर में कुल 129 मरीजों को उपचार के लिए लाया गया। इसमें दिवाली वाले दिन 113 मरीज लाए गए, जिनमें से पांच मरीज उपचार के लिए भर्ती है जबकि आठ मरीजों की सर्जरी की गई। लोकनायक अस्पताल में 15 मरीज पटाखों से जलने की वजह से झुलसी हालत में उपचार के लिए पहुंचे। इसमें सबसे ज्यादा नौ बच्चे शामिल है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के अपर चिकित्सा अधीक्षक और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. मनोज झा ने बताया कि 11 मरीज उपचार के लिए भर्ती है। इसमें छह मरीजों की सर्जरी करनी पड़ी।

पटाखों से जला शरीर का 30 फीसदी तक हिस्सा

दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में सीएमओ डॉ. संदीप डागर ने बताया कि पटाखों से जलने के कारण 54 मरीज उपचार के लिए पहुंचे। इसमें आठ मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया है गया है। कुछ मामलों में लोगों का 30 फीसदी तक हिस्सा पटाखों के कारण जला देखा गया।

दीये से महिला 45 फीसदी तक झुलसी

जीटीबी अस्पताल के अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे तक 37 मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। इसमें छह मरीजों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। भर्ती होने वालों दो मरीज से दीये से जले है। इसमें एक 50 वर्षीय महिला 40-45 फीसदी तक और एक 32 वर्षीय महिला दीये के कारण 25 से 30 फीसदी तक चल गई है। एक 59 वर्षीय व्यक्ति कूकर ब्लास्ट के कारण तीन-चार फीसदी तक जल गया। उसे भी उपचार के लिए भर्ती किया गया है। जलने के कारण एक मरीज यूपी के लोनी से भी उपचार के लिए आया था। उसकी मंगलवार सुबह मौत हो गई।

एम्स में दिवाली की रात 33 मरीज पहुंचे

वहीं एम्स के प्लास्टिक, रिकंस्ट्रक्टिव एंड बर्न सर्जरी विभाग में 19 अक्तूबर से लेकर 21 अक्तूबर दोपहर दो बजे तक 60 लोग उपचार के लिए पहुंचे। इसमें दिवाली की रात 33 मरीज लाए गए। इसमें दस साल से कम उम्र वालों में एक चार महीने का बच्चा भी शामिल था। जबकि 10-20 वर्ष वालों में 23, 20-40 वर्ष वालों में 27 और 40-60 वर्ष वालों में सात मरीज थे। विभाग प्रमुख डॉ. मनीष सिंघल के अनुसार 29 मरीजों को भर्ती किया गया है। इसमें 10 मरीज आईसीयू और 19 मरीज वार्ड में भर्ती किए गए। तीन मरीजों की हालत गंभीर है। इसमें लाइट से जलने, पोटाश ब्लास्ट और आग से जलने वाले मरीज की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

पटाखों से जलने के एम्स में आए 48 मामले

11 मामले गंभीर रूप से जल गए हैं। इनमें कुछ लोगों पर जान और हाथ-पैर गंवाने का खतरा है। एम्स में पटाखों से जलने के 48 मामले, पोटाश ब्लास्ट से जलने के 7 मामले, दीये संबंधी जलने के चार मामले और एक मामला दिवाली की लाइट से भी जलने का सामने आया है। इनमें दिल्ली के 57, तीन एनसीआर और एक मरीज एनसीआर से बाहर का है। इमरजेंसी में गंभीर 10 सर्जरी और माइनर 13 सर्जरी की गई।

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