विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रिक्स सम्मेलन में उठाया आर्थिक व्यवहार में पारदर्शिता और निष्पक्षता का मुद्दा

Update: 2025-09-08 19:01 GMT

नई दिल्ली अमेरिकी टैरिफ (शुल्क) को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि विश्व, व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पहले से अनुमान लगाये जाने योग्य वातावरण चाहता है तथा आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के लाभ के लिए होने चाहिए। विदेश मंत्री ने वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण जैसे मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा की जानी चाहिए।

वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, भारत का दृढ़ विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण जैसे मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा की जानी चाहिए। जयशंकर ने कहा, जब कई व्यवधान हों, तो हमारा उद्देश्य उसे ऐसे झटकों से बचाना होना चाहिए। इसका मतलब है कि अधिक लचीली, विश्वसनीय, अतिरिक्त और छोटी आपूर्ति शृंखलाएं बनाना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि विश्व को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की जरूरत है। उन्होंने कहा, बाधाएं बढ़ाने और लेन-देन को जटिल बनाने से कोई मदद नहीं मिलेगी। न ही व्यापार उपायों को गैर-व्यापारिक मामलों से जोड़ने से कोई मदद मिलेगी।

विदेश मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स अपने सदस्य देशों के बीच व्यापार प्रवाह की समीक्षा करके खुद की एक मिसाल कायम कर सकता है। जहां तक भारत का सवाल है, हमारे कुछ सबसे बड़े घाटे ब्रिक्स भागीदारों के साथ हैं। हम शीघ्र समाधान के लिए दबाव बना रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह अहसास आज की बैठक के निष्कर्षों का हिस्सा होगा। यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चीन के साथ भारत के बढ़ते व्यापार घाटे के बीच आई है। जयशंकर ने कहा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, समावेशी, न्यायसंगत और विकासशील देशों के लिए विशेष और विभेदक व्यवहार के साथ नियम-आधारित दृष्टिकोण के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है।

ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने वॉशिंगटन की व्यापार एवं टैरिफ नीतियों की वजह से हुए व्यापार व्यवधानों पर चर्चा के लिए यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया। शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिक्स के कई अन्य नेता उपस्थित रहे। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व किया।

विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया की स्थिति वास्तविक चिंता का विषय है। उन्होंने कोविड महामारी के विनाशकारी प्रभाव, यूक्रेन और मध्य पूर्व में बड़े संघर्षों, व्यापार और निवेश प्रवाह में अस्थिरता और चरम जलवायु घटनाओं को पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के सामने आई कुछ प्रमुख चुनौतियों के रूप में सूचीबद्ध किया। जयशंकर ने कहा, इन चुनौतियों के सामने, बहुपक्षीय व्यवस्था दुनिया के लिए विफल होती दिख रही है। इतने सारे गंभीर तनावों को अनदेखा किया जाना स्वाभाविक रूप से वैश्विक व्यवस्था पर पड़ने वाले परिणामों को दर्शाता है।

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