भारत बनेगा ग्लोबल साउथ की उम्मीद, जयशंकर बोले – जिम्मेदार AI के लिए चाहिए स्वदेशी मॉडल

Update: 2025-10-07 18:27 GMT

नई दिल्ली  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को भारत समेत दुनियाभर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बढ़ते उपयोग को लेकर अहम बातों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एआई के उपयोग से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए एक वैश्विक शासन संरचना की वकालत की। साथ ही एआई के जिम्मेदाराना उपयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है। खासकर ग्लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिण) के देश भारत को एक प्रेरणा के रूप में देखते हैं। जयशंकर ने दिल्ली में आयोजित ट्रस्ट एंड सेफ्टी इंडिया फेस्टिवल 2025 में कही, जो अगले साल फरवरी में भारत में होने वाले एआई इम्पैक्ट सम्मेलन से पहले की तैयारी बैठक थी।


जयशंकर ने कहा कि डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारत पर एक विशेष जिम्मेदारी है। क्योंकि कई देश खासकर ग्लोबल साउथ के हमसे प्रेरणा लेते हैं। पिछले दस वर्षों में भारत ने प्रशासनिक दक्षता, सेवा डिलीवरी और तकनीकी सुधारों के क्षेत्र में जो काम किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। जयशंकर ने कहा कि मैं जब विदेश जाता हूं तो कई देशों में यह विषय बातचीत का हिस्सा बन जाता है और अब यह चर्चा एआई के क्षेत्र में भी फैल रही है। भारत जैसे समाज के लिए उत्तरदायी एआई का मतलब है अपने खुद के उपकरण और ढांचे तैयार करना। तभी यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि एआई का विकास, उपयोग और संचालन सुरक्षित और सभी के लिए सुलभ हो।


बताया भारत में एआई के जिम्मेदार इस्तेमाल का अर्थ

जयशंकर ने कहा कि एआई को लेकर कुछ लोग इसके फायदों पर ज्यादा जोर देते हैं, तो कुछ इसके खतरों पर। इसमें कई बार उन लोगों का प्रभाव होता है जिनका इसमें निजी फायदा जुड़ा होता है। लेकिन हमें संतुलित नजरिया अपनाना होगा। उन्होंने बताया कि भारत के लिए जिम्मेदार एआई का मतलब है खुद के टूल्स विकसित करना, इनोवेटर्स के लिए सेल्फ असेसमेंट (आत्म-मूल्यांकन) की व्यवस्था करना, और जरूरी गाइडलाइन्स (दिशानिर्देश) बनाना।

एआई के सही उपयोग को लेकर जयशंकर ने किया आगाह

जयशंकर ने आगाह किया कि अगर एआई का सही उपयोग नहीं हुआ, तो लोगों का भरोसा संस्थाओं और नियमों से उठ सकता है। उन्होंने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि जब नतीजे मनमाफिक नहीं आते, तो लोग खेल के मैदान या अंपायर तक पर सवाल उठाने लगते हैं। ऐसे में भरोसे को बनाए रखना और एआई के दौर में उसे और मजबूत करना बहुत जरूरी हो गया है।

भारत ने हमेशा एआई के संचालन की बात कही- जयशंकर

विदेश मंत्री ने आगे यह भी कहा कि भारत ने हमेशा वैश्विक एआई गवर्नेंस (संचालन) की बात की है। उन्होंने बताया कि जी20 की भारत अध्यक्षता के दौरान भी भारत ने एआई को सतत विकास लक्ष्यों (एडीजी) को आगे बढ़ाने के लिए उपयोग करने की पैरवी की थी, लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि इसमें विश्वास, सुरक्षा, निष्पक्षता और जवाबदेही बनी रहनी चाहिए। जयशंकर ने बताया कि भारत, ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन एआई का संस्थापक सदस्य है और नई दिल्ली डिक्लेरेशन के जरिए भारत ने जिम्मेदार और समावेशी एआई की वकालत की है।

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