भारतीय राजनीति परिवारों की जायदाद नहीं, पॉलिटिक्स में वंशवाद पर थरूर का करारा प्रहार

Update: 2025-11-03 15:20 GMT

नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में वंशवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति किसी परिवार की निजी संपत्ति नहीं है और लोकतंत्र में अवसर योग्यता और जनता के समर्थन से मिलने चाहिए, न कि पारिवारिक पहचान से।

थरूर ने कहा कि भारत में कई राजनीतिक दल ऐसे हैं, जहां नेतृत्व और पद वंश के आधार पर तय होते हैं। यह प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीति को परिवारों की जायदाद बनाने से देश की राजनीति में नई प्रतिभाओं के लिए रास्ता बंद हो जाता है।हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान को कांग्रेस समेत अन्य दलों में चल रहे वंशवाद पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है।

थरूर पहले भी कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र और संगठनात्मक चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि राजनीति में युवाओं और नए विचारों को जगह दी जाए तो लोकतंत्र और मजबूत होगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि थरूर का यह बयान कांग्रेस में चल रही आंतरिक चर्चाओं के बीच आया है, जब कई वरिष्ठ नेता संगठन में अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।

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