मजदूर को कथित रूप से पुलिस वालों ने पीटा

Update: 2024-05-05 14:08 GMT

पिपलिया स्टेशन (जेपी तेलकार)। पिपलिया रेलवे स्टेशन यात्री प्रतीक्षालय में एक आदिवासी मजदूर युवक के साथ मारपीट व मोबाइल छिनने का मामला सामने आया है। युवक का आरोप है कि मारपीट करने वाले स्वयं को पुलिस वाले बता रहे थे। युवक कि रिपोर्ट न तो पिपलिया पुलिस चोकी ने ली न ही नीमच जीआरपी पुलिस ने। जानकारी के अनुसार राजस्थान प्रतापगढ़ के वार्ड 2 में निवासरत मदनलाल पिता प्रकाश मीणा ने बताया कि मैं उदयपुर गीताजंलि हास्पीटल केंटीन में भोजन बनाने का कार्य करता हु। 4 मई 2024 को रात्रि उदयपुर जाने के लिए पिपलिया स्टेशन आया था। ट्रेन 11.30 बजे थी। इस कारण मैं टिकट खिड़की के पास ही बैठा था, इस दौरान मुझे नींद लग गई और मेरी ट्रेन  निकल गई। रात्रि में करीब 12 बजे करीब 4 व्यक्ति आए, और मेरी तलाशी ली। मेरे पास मेरा मोबाइल था, जिसके कवर के पीछे 100 रुपए टिकट लेने के रखे हुए थे। उन्होंने मुझसे मेरी पहचान पूछी तो मैंने अपना नाम, पता बताया और कहा कि उदयपुर में गीताजंलि हास्पीटल में मजदूरी करता हु। इसके बाद चारों मुझे पकड़कर स्टेशन के आगे नीमच की ओर ब्रिज के यहां ले गए और मेरा मोबाइल भी छिन लिया। चारों ने मिलकर मुझे लात-घुसों, डंडों से बेरहमी से पीटा। मुझे मारपीट करने वाले व्यक्ति अपने आप को पुलिस वाले बता रहे थे, लेकिन उनके पास वर्दी नही थी।

स्थानीय लोगों ने पिपलियामंडी पुलिस चौकी में शिकायत करने की बोला, लेकिन वहां गया तो मुझे बोला कि अभी कोई नही है बाद में आना। बाद में कुछ लोगों ने मदद कर मुझे नीमच जीआरपी भेजा, लेकिन वहां भी मेरा आवेदन लेने से मना कर दिया। युवक ने इस संबंध में रेल मंत्री व रेल अधिकारियों को शिकायत भेजकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पिपलिया टीआई नीरज सारवान का कहना है रेलवे स्टेशन क्षेत्र का मामला है, पुलिस ने मारपीट नही की है। हमारे क्षेत्र का मामला नही है, जांच जीआरपी जांच करेगी।

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