त्रिपुंड, सर्प और चंद्र लगाकर भस्मआरती में सजे बाबा महाकाल, फिर दिए भक्तों को दर्शन

By :  vijay
Update: 2024-10-14 16:16 GMT

अश्विन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर आज सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का आलौकिक श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल को त्रिपुंड, सर्प और चंद्र से सजाया गया। भक्तों को दर्शन देने के लिए बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। जिसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर रविवार को बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान को स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का श्री कृष्ण स्वरूप में श्रृंगार किया गया। उन्हें त्रिपुंड, सर्प, चंद्र और फूलों की माला पहनाकर सजाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

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