आज भस्म आरती में सूर्य सा दमके बाबा महाकाल...शाम को निकलेगी बाबा महाकाल की दूसरी सवारी

By :  vijay
Update: 2024-11-11 06:22 GMT

श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती के दौरान आज सोमवार को बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल के शिवलिंग पर सूर्य, त्रिपुंड और ॐ कीआकृति बना दी। जिसने भी इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया वह देखते ही रह गया। आज भक्तों को दर्शन देने के लिए बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। जिसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई।


विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी सोमवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज बाबा महाकाल को भस्म आरती के दौरान सूर्य ॐ व त्रिपुंड की आकृति श्रृंगारित किया गया और महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

 कार्तिक माह में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी आज

श्रावण- भाद्रपद माह की तरह श्री महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक माह की द्वितीय सवारी सोमवार 11 नवंबर 2024 को सभामंडप में सायं 04 बजे विधिवत पूजन-अर्चन के बाद राजसी ठाट-बाट के साथ निकाली जाएगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि मंदिर परिसर स्थित सभामण्डप में पूजन उपरान्त भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमोलीश्वर के रूप में अपनी प्रजा को दर्शन देने व उनका कुशलक्षेम जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

श्री चंद्रमोलीश्वर भगवान की सवारी पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी, वहां मॉ क्षिप्रा के जल से पूजन-अभिषेक-आरती के पश्चात भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

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