किसानों ने मल्हारगढ़ में रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। व्यापमं घोटाले में लिप्त दोषियों को कठोर सजा देने व गिरफ्तार करने व हाल ही में हुई अत्यधिक बरसात से फसलों को हुई नुकसानी का मुआवजा व फसल बीमा देने की मांग को लेकर किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द्र के नेतृत्व में मंगलवार को बड़ी संख्या में किसानों ने मल्हारगढ़ में रैली निकालकर नारेबाजी की, बाद में राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार ब्रजेश मालवीय को ज्ञापन सौंपा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द ने कहा कि प्रदेश में किसानों की हालत दयनीय है, उनकी कोई सुनने वाला नही है, व्यापमं घोटाला कर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया। लेकिन विडम्बना है कि एसे लोग सरकार में बैठे हुए है और लगातार आमजन का भविष्य बर्बाद कर रहे है। जिनको व्यापमं घोटाले में नौकरी की उन्हें तो बर्खास्त कर दिया, लेकिन मंत्री जगदीश देवड़ा ने व्यापमं घोटाला किया, उन पर कोई कार्रवाई नही, यह आश्चर्यजनक है। राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन का वाचन करते हुए कृषि मंडी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश पटेल ने बताया सन् 2012 में हुए व्यापमं घोटाले में फर्जी नियुक्तियां की गई, वहीं घोटाला उजागर होने के बाद इसमें शामिल सैकड़ों गवाह व आरोपियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत भी हुई। मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आने के बाद परिवहन विभाग में भर्ती हुए 45 आरक्षकों को बर्खास्त किया व उन्हें दी तनख्वाह भी वापस करने के निर्देश दिए है। शिवराजसिंह चौहान व जगदीश देवड़ा के कार्यकाल में महिला के बजाए पुरुषों की भर्ती कर दी गई थी, अयोग्य लोगों को नियुक्ति कर लाखों युवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। नियुक्ति के दौरान परिवहन विभाग ने मेरीट चयनित सूची को भी सार्वजनिक नही किया। इतना सब होने के बाद भी सीबीआई ने मामले में मप्र सरकार को क्लिन चीट दे दी थी, जो संदेहास्पद है। लेकिन रतलाम के पूर्व विधायक पारस सकलेचा उक्त मामले को लेकर हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट तक गए और सुप्रीम कोर्ट ने एक्शन लेते हुए अवैध रुप से भर्ती हुए 45 आरक्षकों को बर्खास्त कर दिया। वर्तमान में उक्त घोटाला उजागर होने के बाद भी शिवराजसिंह चौहान केन्द्रीय मंत्री एवं जगदीश देवड़ा मप्र में वित व उप मुख्यमंत्री पद पर बने हुए है। दोनों को तत्काल पदों से हटाकर जेल भेजा जाए। दोनों को सांसद व विधायक पद से भी हटाया जाए। मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन का वाचन कमलेश पटेल ने बताया क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से सोयाबीन, उड़द, मूंग, मक्का, मूंगफली सहित सभी खरीब की फसलें बर्बाद हो गई है, खास तौर पर कटाई के समय बारिश से अन्नदाता परेशान है, पूरी की पूरी फसल गीली होकर खेतों में ही सड़ गई है। एसी स्थिति में अन्नदाताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल सोयाबीन की फसल सहित अन्य फसलों की नुकसानी पर किसानों को मुआवजा दिया जाए साथ ही किसानों को रबी की फसल बुआई के लिए खाद बीज उपलब्ध कराया जाए व बैंकों व बिजली बिलों की ऋण वसूली स्थगित की जाए। इस अवसर पर कृषि उपज मंडी के पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पाटीदार, जनपद सदस्य प्रकाश राठौर व रामेश्वर राठौर, मोगिया बावरी समाज के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भगतराम डाबी, ब्लाक कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष शीतलसिंह बोराना, पूर्व सोसायटी अध्यक्ष उदयसिंह बोराना, काचरिया सरपंच ईशु धनगर, पूर्व सरपंच श्यामलाल लकुम व दिनेश कारपेंटर, नप के पूर्व उपाध्यक्ष युसूफ मेव, पूर्व नगर कांग्रेस अध्यक्ष गफ्फार भाई, पिपलिया नप नेता प्रतिपक्ष सरफराज मेव, पार्षद बाबू मंसूरी नरेश सैनी, धर्मेन्द्र धनगर, कंवरलाल वर्मा, लक्ष्मीनाराण कारपेंटर, शैतानसिंह कित्तुखेड़ी, बद्रीलाल धनगर, महेश गुप्ता, रामेश्वर गुर्जर, मानसिंह चोहान, मनोहर सोनी, मोतीलाल पाटीदार, पूर्व जनपद सदस्य रामप्रसाद राठौर व मुकेश कुमावत, हनीफ पठान, धीरज धाकड, रघु गुर्जर, याकूब मंसूरी, अर्जुन रेबारी, सुनील राठौर, अशोक सोनी, भंवरलाल गुर्जर, गोपाल गरासिया, अम्बालाल चड़ावत, लक्ष्मीनारायण कारपेंटर, संतोष सिनम, सादिक मंसूरी, राजेन्द्र भाटी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। संचालन भूपेन्द्र महावर ने किया।