अर्धनारीश्वर स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया चंद्र तो नाक में पहनाई नथनी

By :  vijay
Update: 2024-09-06 06:35 GMT
अर्धनारीश्वर स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया चंद्र तो नाक में पहनाई नथनी
  • whatsapp icon

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 4 बजे जागे। इसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। इस दौरान बाबा महाकाल का आज एक अनोखे स्वरूप में शृंगार किया गया। इसके माध्यम से भक्तों को एक साथ भगवान शिव और माता पार्वती के दर्शन करवाए गए।। अर्धनारीश्वर शृंगार के बाद बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई।

  

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि हरतलिका तीज पर शुक्रवार बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भगवान शिव और माता पार्वती के स्वरूप में अर्धनारीश्वर स्वरूप में शृंगार किया गया। एक ओर भगवान को चंद्र लगाया गया तो वहीं दूसरी ओर टीकी और नथनी लगाकर भी भगवान का शृंगार हुआ। इस अलौकिक शृंगार को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया। आज भगवान का राजसी स्वरूप में शृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट से शृंगारित किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

Similar News