एनआईए प्रमुख का संदेश: भारत के सामने ISIS और प्रॉक्सी वॉर जैसी चुनौतियां बढ़ी

Update: 2025-09-20 18:46 GMT

पुणे  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने भारत को मिल रही चुनौतियों पर बात की। उन्होंने कहा कि प्रॉक्सी वॉर और आईएसआईएस भारत के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। युद्ध क्षेत्र की नई बाधाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थानों के भीतर भ्रष्टाचार समाप्त होना चाहिए।

पुणे में एक कार्यक्रम में भारत की आंतरिक सुरक्षा और इसकी चुनौतियां पर बात करते हुए एनआईए प्रमुख सदानंद दाते ने कहा कि नक्सलवाद, खालिस्तानी तत्व और अलगाववाद आंतरिक चुनौतियां बने हुए हैं, लेकिन प्रॉक्सी वॉर और आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) देश के लिए बड़ा खतरा हैं।

उन्होंने कहा, ''पहला, कुछ देश प्रॉक्सी वॉर के जरिये हमारी प्रगति में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरा, आईएसआईएस। अगर हमें नई चुनौतियों का सामना करना है तो हमें लोकतंत्र को मजबूत करना होगा। अगर हम चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देना चाहते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थाओं में भ्रष्टाचार भी खत्म होना चाहिए।

एनआईए प्रमुख ने कहा कि भारत को आतंकवाद, नक्सलवाद, खालिस्तानी तत्वों, कश्मीर में अलगाववाद और पूर्वोत्तर में बांग्लादेश और म्यांमार से घुसपैठ सहित कई आंतरिक खतरों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक हमने इनमें से कई मुद्दों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया है। हमारा संविधान और लोकतंत्र, स्वतंत्र न्यायपालिका हमारी सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं। इन्हीं ने हमें सफल होने में सक्षम बनाया है।

एनआईए प्रमुख ने महाराष्ट्र की विशिष्ट आतंकवाद निरोधी एजेंसी फोर्स वन की स्थापना के दौरान के अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा, "26/11 हमले के बाद पुलिस बल में व्यापक बदलाव किए गए। सरकार ने महाराष्ट्र में एक कमांडो यूनिट बनाने का फैसला किया और मुझे फोर्स वन का आईजी (महानिरीक्षक) नियुक्त किया गया। मैं रोज सुबह छह बजे उनके साथ शारीरिक प्रशिक्षण के लिए जाता था।

दाते ने कहा कि हमने फोर्स वन के मूल्यों को सीधे अपने कर्मचारियों से समझा। यहां हमने महसूस किया कि कर्तव्य जीवन से भी बड़ा है। हमने एक मूल्य-आधारित संगठन बनाया। काम की गुणवत्ता आपके पद से ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमने यह विश्वास स्थापित किया कि प्रतिभा पद से अधिक अहम है।

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