बिहार के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। यह उनके 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर है।
लेकिन खास बात यह है कि नीतीश कुमार इस समय न तो विधायक (MLA) हैं और न ही उन्होंने हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़ा है। आम धारणा के विपरीत, मुख्यमंत्री बनने के लिए जरूरी नहीं कि व्यक्ति वर्तमान में विधानसभा का सदस्य हो।
संविधान के अनुसार, मुख्यमंत्री बनने के लिए व्यक्ति का केवल **विधानमंडल का सदस्य** होना आवश्यक है। बिहार में दो सदन हैं – विधानसभा और विधान परिषद। इसलिए यदि कोई व्यक्ति विधान परिषद (MLC) का सदस्य है, तो भी वह मुख्यमंत्री पद संभाल सकता है। यह नियम भारत के संविधान की धारा 164 में स्पष्ट रूप से वर्णित है।
इस प्रकार नीतीश कुमार बिना MLA बने भी विधान परिषद के सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री पद ग्रहण करेंगे।
ईमानदारी के साथ विकसित बिहार के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी है- शांभवी चौधरी
LJP-रामविलास सांसद शांभवी चौधरी ने कहा, "हमारी ऐतिहासिक जीत हुई है। बिहार की जनता का आभार। जिस जनादेश के साथ उन्होंने NDA को जिताया है, तो निश्चित रूप से खुशी बहुत बड़ी है लेकिन साथ में जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी है...विकसित बिहार के निर्माण के लिए जो जनादेश जनता ने NDA को दिया है, उस जनादेश की कसम खाते हुए हमें ईमानदारी के साथ विकसित बिहार के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी है
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