ओम बिरला का संदेश: विकसित भारत 2047 में महिलाओं की भूमिका अहम

Update: 2025-09-14 19:20 GMT

नई दिल्ली  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि देश की महिलाएं अपने नेतृत्व और दृष्टिकोण से 'विकसित भारत' के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने यह बात संसद और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में महिला सशक्तिकरण समिति के राष्ट्रीय सम्मेलन में कही। इस दौरान ओम बिरला ने कहा कि महिलाएं आज देश के विकास में नई सोच के साथ योगदान दे रही हैं और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत कर रही हैं।

 संविधान निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर जोर

ओम बिरला ने आगे संविधान निर्माण में भी महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान सभा में करीब 15 महिला सदस्य थीं, जिन्होंने संविधान को आकार देने में अहम योगदान दिया। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया के कई देशों के विपरीत, भारत ने शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने, समानता और न्याय का अधिकार दिया।


इसके साथ ही बिरला ने यह भी कहा कि आज महिलाएं वित्त, तकनीक और खेल जैसे क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने यह भी गर्व के साथ कहा कि आज देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू हैं, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।

क्या है 'विकसित भारत 2047?

बता दें कि केंद्र सरकार के अनुसार, 'विकसित भारत 2047' का लक्ष्य स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को एक विकसित देश बनाना है। इसमें आर्थिक समृद्धि, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय संतुलन और अच्छी शासन व्यवस्था को शामिल किया गया है। इसके तहत सरकार ने युवाओं के सुझाव के लिए एक पहल की भी शुरुआत की है। सरकार ने MyGov.in पर 'विकसित भारत 2047 के लिए सुझाव' नाम से एक वेबपेज लॉन्च किया है, जहां युवा अपनी रचनात्मक राय दे सकते हैं।

विकास का अगला अध्याय लिखेंगी महिलाएं- बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत के विकास की अगली कहानी सशक्त महिलाओं द्वारा लिखी जाएगी। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण कानून केवल प्रतीकात्मक कदम नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को शासन में उनका वास्तविक हक देता है और नई पीढ़ी की महिला नेताओं को तैयार करेगा। बिरला तिरुपति में महिला सशक्तिकरण पर संसदीय और विधायी समितियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे।

बिरला ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम, जो नए संसद भवन में पारित पहला विधेयक था, महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करता है। इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत तभी विकसित राष्ट्र बन सकता है जब उसकी बेटियां शिक्षित और आत्मनिर्भर हों।

महिला उपलब्धियों का किया जिक्र

बिरला ने महिला उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि विज्ञान से लेकर साहित्य तक, खेलों से लेकर अंतरिक्ष तक, भारतीय महिलाओं ने हर क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, "आज महिलाएं केवल भागीदार नहीं, बल्कि नेता, नवाचारकर्ता और उद्यमी भी हैं।"

सम्मेलन में राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सी. अय्यन्नापत्रुडु और भाजपा नेता व संसदीय समिति की अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी भी मौजूद रहीं। हरिवंश ने कहा कि भारत के संविधान ने हमेशा महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक विकास का अभिन्न हिस्सा माना है। उन्होंने बताया कि पंचायत राज संस्थाओं में 14.5 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं और महिला आरक्षण कानून भविष्य में राष्ट्रीय नेतृत्व में महिलाओं की बड़ी भूमिका तय करेगा।

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