राहुल ने ट्रंप के टैरिफ को बताया आर्थिक ब्लैकमेल, जयराम बोले- इंदिरा की तरह डटकर खड़ें हों PM मोदी

By :  vijay
Update: 2025-08-06 18:21 GMT
राहुल ने ट्रंप के टैरिफ को बताया आर्थिक ब्लैकमेल, जयराम बोले- इंदिरा की तरह डटकर खड़ें हों PM मोदी
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नई दिल्ली कांग्रेस के संचार प्रभारी और महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भारत की विदेश नीति में एक व्यापक बदलाव की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उन्हें अपना अहंकार छोड़कर 1970 के दशक में जिस तरह इंदिरा गांधी अमेरिका के सामने डटकर खड़ी हुई थीं, उससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर लिखा, राष्ट्रपति ट्रंप अब भी खुद को मोदी का दोस्त बताते हैं, लेकिन भारत को अनुचित और भारी चोट पहुंचा रहे हैं,। उन्होंने जो टैरिफ और जुर्माने लगाए हैं, वो बिल्कुल भी स्वीकार करने योग्य नहीं हैं। लेकिन सच्चाई यह भी है कि ये सब मोदी की व्यक्तिगत छवि चमकाने वाली 'हग-लोमेसी' (गले मिलने की रणनीति) की विफलता को दिखाते हैं।

उन्होंने आगे लिखा, भारत ने 1970 के दशक में अमेरिका की दबंगई का डटकर सामना किया था, खासकर जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। मोदी को इंदिरा गांधी को बदनाम करने, उनकी छवि बिगाड़ने और उनका अपमान करने के बजाय – अगर संभव हो तो – अपना अहंकार छोड़ना चाहिए और यह समझना चाहिए कि इंदिरा गांधी ने अमेरिका के सामने कैसे मजबूती से भारत का पक्ष रखा था। आज भारत की विदेश नीति और प्रशासन में पूरी तरह से बदलाव की जरूरत है।

जयराम रमेश ने मोदी सरकार के पुराने कदमों को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सितंबर 2019 में अमेरिका गए थे और ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' नाम का कार्यक्रम किया था। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद थे और मोदी ने परंपरा तोड़ते हुए मंच से कहा था – अबकी बार, ट्रंप सरकार।

ट्रंप का 50% टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ट्रंप का 50% टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है – भारत को एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए डराने-धमकाने की कोशिश है। उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री मोदी को अपनी कमजोरी को भारत की जनता के हितों पर हावी नहीं होने देना चाहिए।

अमेरिकी टैरिफ हमारे लिए बड़ा झटका: शशि थरूर

शशि थरूर ने कहा, मुझे नहीं लगता कि यह हमारे लिए कोई अच्छी खबर है। अगर कुल मिलाकर टैरिफ 50 प्रतिशत हो जाते हैं, तो इससे हमारे उत्पाद अमेरिका में बहुत से लोगों के लिए महंगे हो जाएंगे। जब आप इन प्रतिशतों को देखते हैं तो तुलना करनी होती है कि हमारे प्रतिस्पर्धियों पर कितने टैरिफ लगाए गए हैं। उन्होंने आगे कहा, अगर आप वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, यहां तक कि बांग्लादेश और पाकिस्तान को देखें, तो उन पर हमसे कम टैरिफ लगाए गए हैं। ऐसे में अमेरिकी बाजार में लोग हमारे सामान नहीं खरीदेंगे, अगर उन्हें वही चीज कहीं और सस्ती मिल रही है। ये हमारे अमेरिकी निर्यात के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

उन्होंने कहा, हमें अब गंभीरता से सोचना होगा कि और किन देशों और बाजारों में हम अपने उत्पाद बेच सकते हैं। अब हमारे पास ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता है। हम यूरोपियन यूनियन (ईयू) से भी बात कर रहे हैं। उम्मीद है, कई देशों के साथ हम नए रास्ते खोल पाएंगे। लेकिन फिलहाल यह हमारे लिए एक झटका है।

'चीन से बहुत चीजें आयात कर रहा अमेरिका'

थरूर ने आगे कहा, यूरेनियम, पैलेडियम ...अमेरिका रूस से बहुत सी चीजें आयात कर रहा है। इसमें एक तरह का दोहरा मापदंड है। उन्होंने चीन को 90 दिन की छूट दी है, जबकि चीन हमसे कहीं ज्यादा रूसी तेल खरीद रहा है। उन्होंने कहा, यह फैसला उस देश से आया है जिसे हमने अपना दोस्त समझा था। इसलिए हमें इसके हिसाब से कदम उठाने होंगे और इस अनुभव से सीख लेनी होगी। उन्होंने कहा, अब भारत में भी यह मांग उठ सकती है कि हम अमेरिका से आने वाले सामान पर जवाबी टैरिफ लगाएं। हमें अब नए व्यापारिक साझेदारों की ओर गंभीरता से देखना होगा, खासकर ऐसी परिस्थिति में।

आदित्य ठाकरे ने पूछा- सरकार के सारे मंत्री चुप क्यों?

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने भी अमेरिका द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, इस पर कोई मंत्री जवाब क्यों नहीं दे रहा?... सारे मंत्री चुप क्यों हैं? क्या अमेरिका के साथ व्यापार समझौता जारी है या नहीं?

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