अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा चाक-चौबंद, हेलिकॉप्टर से नहीं जा सकेंगे पवित्र गुफा

श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक जुलाई से 10 अगस्त तक पूरा यात्रा मार्ग नो फ्लाइंग जोन रहेगा। इससे पारंपरिक बालटाल और पहलगाम ट्रैक पर यात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। तीर्थ यात्रियों को पवित्र गुफा तक या तो पैदल जाना होगा या फिर टट्टू या पालकी के माध्यम से पहुंचना होगा। यह पहली बार है कि जब पूरी यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को हेलिकाॅप्टर सेवा नहीं मिलेगी।
गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में बताया गया है कि यात्रा मार्ग वाले क्षेत्र में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन, गुब्बारे सहित किसी भी प्रकार की हवाई उड़ान पर प्रतिबंध रहेगा। पहलगाम में आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पड़ रही पहली अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान सीमा पार से बड़ी संख्या में भारतीय क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जिसे भारतीय सुरक्षा प्रणाली से ध्वस्त कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा मार्ग को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने की सलाह दी है। इस पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर गृह विभाग को यात्रा मार्ग को उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने का आदेश दिया था। सुरक्षा के ही मद्देनजर अमरनाथ यात्रा में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) की 580 कंपनियों को तैनात किया जा रहा है।
तीर्थ यात्रियों की संख्या पर पड़ सकता है असर
अमरनाथ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में यात्री हेलिकाॅप्टर सेवा से पवित्र गुफा और वापस बेस कैंप तक का सफर करते हैं। इनमें बीमार, बुजुर्ग, दिव्यांग भी शामिल होते हैं। इस बार हेलिकाॅप्टर सेवा नहीं होने से तीर्थयात्रियों को अपनी यात्रा योजना में बदलाव करना पड़ सकता है। इससे तीर्थ यात्रियों की संख्या घट सकती है। अब तक 3.5 लाख यात्री अग्रिम यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे यात्री भी थे जो हेलिकॉप्टर ऑनलाइन सेवा शुरू होने का इंतजार कर रहे थे।
आपात सेवाओं पर प्रतिबंध लागू नहीं
आदेश में कहा गया है कि चिकित्सा निकासी, आपदा प्रबंधन और सुरक्षाबलों की निगरानी पर नो फ्लाइंग जोन का प्रतिबंध लागू नहीं होगा। ऐसी आपदाओं के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी।
3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी यात्रा...
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यात्रा के पारंपरिक पहलगाम मार्ग नुनवान बेस कैंप से करीब 32 किलोमीटर और बालटाल मार्ग बेस कैंप से 14 किलोमीटर की दूरी पर बाबा बर्फानी का दरबार है।
अमरनाथ यात्रियों के लिए जम्मू से हर दिन रवाना होंगी 100 बसें
अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शिवभक्तों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ उनकी सुगम यात्रा का भी ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास और अन्य स्थानों से प्रत्येक दिन जेकेएसआरटीसी (जम्मू कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन) की करीब सौ बसें कश्मीर के लिए रवाना हुआ करेंगी। इस साल बसों के किराये में वृद्धि का अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं है। इन बसों में किराया निर्धारित रहता है। इस जत्थे में बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के वाहन होते हैं। ये बसें एसी और गैर एसी दोनों तरह की होती हैं। पिछले साल जम्मू से बालटाल रूट के लिए गैर एसी बस का किराया 653 रुपये और एसी बस का 818 रुपये निर्धारित था। वहीं, पहलगाम से सेमी डीलक्स बस के लिए 404 रुपये, गैर एसी बस सुपर डीलक्स के लिए 553 और एसी बस के लिए 840 रुपये निर्धारित किया गया था।
राष्ट्र विरोधी तत्वों को दूर रखने के लिए हमेश्ाा सतर्क रहें अधिकारी : गृह सचिव
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्र विरोधी तत्वों को दूर रखने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखें। यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न सहयोगी एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करें। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका भी मौजूद थे। इस बैठक में सेना, बीएसएफ, एसएसबी, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय गृह सचिव को विभिन्न सुरक्षा उपायों फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (एफआरएस) का उपयोग, सीसीटीवी निगरानी और तीर्थयात्रियों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) टैग के बारे में जानकारी दी गई।