रेप रिश्वत लेकर रेप केस ‘सेटल’ करने के आरोप में टीआई अजय वर्मा पर गिरी गाज, पद घटाकर बने उपनिरीक्षक
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इंदौर। एमआईजी थाने में पदस्थ रहे तत्कालीन टीआई अजय वर्मा पर पुलिस कमिश्नर ने बड़ी कार्रवाई की है। 2022 के एक संवेदनशील मामले में लापरवाही और अनैतिक आचरण के आरोप साबित होने पर उन्हें दंडित किया गया है। अजय वर्मा की पदोन्नति रोकते हुए उन्हें **टीआई से घटाकर उपनिरीक्षक (SI)** बना दिया गया है। यह दंड **दो वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा।**
इसी जांच में दोषी पाए गए कार्यवाहक सहायक उपनिरीक्षक **धीरज शर्मा** को भी भारी सजा दी गई है — उन्हें **पांच साल के लिए फिर से आरक्षक (कॉन्स्टेबल)** पद पर पदावनत किया गया है।
### मामला क्या था
2022 में इंदौर के एमआईजी थाने में एक महिला ने **रवि नामक व्यक्ति पर रेप का आरोप** लगाते हुए आवेदन दिया था। जांच के दौरान आरोप लगा कि आरोपी पक्ष से **20 लाख रुपए लेकर पूरे मामले को सेटल** कर दिया गया। इस लेनदेन में जांचकर्ता एएसआई धीरज शर्मा और एक अन्य आरक्षक की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी।
### जांच में क्या पाया गया
मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले एडिशनल डीसीपी स्तर पर जांच शुरू हुई। शुरुआती जांच में आरक्षक को हटाया गया। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने **टीआई अजय वर्मा और एएसआई धीरज शर्मा** की भूमिका पर विस्तृत जांच करवाई।
रिपोर्ट में दोनों की भूमिका **संदिग्ध और अनुशासनहीनता पूर्ण** पाई गई। इस आधार पर पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार को दंडात्मक कार्रवाई के आदेश जारी किए।
### कार्रवाई के बाद प्रभाव
इस निर्णय को पुलिस महकमे में एक **कड़ा अनुशासनात्मक संदेश** माना जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में भविष्य में शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जाएगी।
