नवरात्रि के तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा की करें आरती, देवी की कृपा से जीवन हो सुखमय

Update: 2024-10-04 17:30 GMT

नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। माता रानी के मस्तक में घण्टे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान हैं, इस वजह से मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा। मां चंद्रघंटा की सवारी शेर है। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। माथे पर अर्ध चंद्र ही इनकी पहचान है। इनके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान है। माता चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती हैं। न्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मन को शांति प्राप्त होती है। मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप की अराधना करने से परम शक्ति का अनुभव होता है। मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध का प्रयोग करना परम कल्याणकारी होता है। मां की कृपा से जीवन सुखमय हो जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन पर देवी चंद्रघंटा का आशीर्वाद पाने के लिए विधिवत पूजा करने के साथ चंद्रघंटा माता की आरती जरूर करें।

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