ऋतंभरा के बयान पर बवाल: "लड़कियां नंगी होकर पैसे कमा रही हैं" टिप्पणी ने खड़ा किया विवाद

नई दिल्ली ।
धार्मिक प्रवचन के दौरान साध्वी ऋतंभरा द्वारा दिए गए एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि " आज की लड़कियां नंगी होकर पैसे कमा रही हैं, " जो कि सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक तीखी बहस का विषय बन गया है।यह बयान अनिरुद्धाचार्य के हालिया विवादित वक्तव्य के बाद आया है, जिसने पहले ही धार्मिक और सामाजिक वातावरण में हलचल मचा दी थी। ऋतंभरा के इस बयान को महिला विरोधी और असंवेदनशील बताया जा रहा है।
कई संगठनों ने जताया विरोध
महिला अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने साध्वी ऋतंभरा की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। कुछ संगठनों ने इसे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया है और सार्वजनिक माफी की मांग की है। वहीं, कुछ धार्मिक अनुयायियों ने इसे 'सांस्कृतिक चेतावनी' करार देते हुए साध्वी का समर्थन भी किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
कई विपक्षी नेताओं ने इस बयान को ‘राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित’ बताते हुए निंदा की है। कांग्रेस की प्रवक्ता ने कहा कि, "*जो लोग खुद को धर्म का प्रतिनिधि मानते हैं, उन्हें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, न कि उनके पहनावे पर टिप्पणी करनी चाहिए।*" वहीं, सत्ताधारी दल की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
बयान वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #SadhviRitambhara ट्रेंड करने लगा। लोगों ने तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि किसी महिला के कपड़े या जीवनशैली पर टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है।
प्रशासन की चुप्पी
फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर कोई जांच या कार्रवाई की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।
साध्वी ऋतंभरा ने खासकर सोशल मीडिया पर लड़कियों और महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले रील्स पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रील्स में ठुमके लगाना, गंदे गाने बजाना और कम कपड़े पहनना आम बात हो गई है। साध्वी ने महिलाओं से अपील की कि वे मर्यादित जीवन जीएं और अपनी जीवनशैली सुधारें। साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं और वर्तमान में ‘वात्सल्य ग्राम’ नामक आश्रम चलाती हैं जहां अनाथ बच्चों और विधवा या परित्यक्त महिलाओं को आश्रय दिया जाता है।
प्रेमानंद महाराज के विवादित बयान
साध्वी ऋतंभरा से पहले वृंदावन के प्रेमानंद महाराज भी महिलाओं और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि आजकल की 100 लड़कियों में से मुश्किल से दो-चार ही पवित्र होती हैं, बाकी सभी बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में लगी रहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो युवक या युवती कई लोगों के साथ संबंध बनाते हैं, वे बाद में अपने पति या पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाते क्योंकि उन्हें व्यभिचार की आदत लग जाती है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
अनिरुद्धाचार्य का भी विवादित बयान
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने भी कुछ समय पहले कहा था कि लड़कियों की शादी 25 साल से पहले हो जानी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा न होने पर लड़कियों के 4-5 बॉयफ्रेंड बन जाते हैं, जो उनके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। अनिरुद्धाचार्य ने सोशल मीडिया और आधुनिक जीवनशैली को लड़कियों के जीवन में अस्थिरता का कारण बताया और माता-पिता से कहा कि वे समय रहते बेटियों की शादी तय करें।
इन धर्मगुरुओं के बयानों ने महिलाओं की भूमिका, आधुनिक जीवनशैली और नैतिक मूल्यों पर समाज में गहरी बहस छेड़ दी है। कई लोग इन बयानों को महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और पिछड़ेपन भरा मानते हैं, तो कुछ लोग इसे समाज में पारंपरिक मूल्यों की रक्षा के रूप में देखते हैं।