सावन के प्रत्येक सोमवार पर करें इस विधि से पूजा, शुभ योग में करें शिव का अभिषेक और मंत्र जाप

भगवान शिव का प्रिय महीना सावन आज से शुरू हो गया है। सावन माह की समाप्ति 09 अगस्त 2025 को शनिवार के दिन होगी। इस साल सावन माह की शुरुआत में ही कुछ शुभ योग मिलेंगे। श्रावण माह की प्रतिपदा तिथि को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पश्चात उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रात: काल 5 बजकर 57 मिनट पर प्रारंभ होगा,उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं। 29 जुलाई मंगलवार को नागपंचमी का पर्व होगा।
सावन मास 09 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र में समाप्त होगा। इसके साथ ही 13 जुलाई को प्रातः काल 9 बजकर 14 मिनट पर शनि वक्री होंगे। जब कोई ग्रह वक्री होता है तो वह और अधिक ऊर्जावान होता है। शनि साधना के कारक ग्रह हैं। शिव की साधना में शनि का वक्री होना विशेष फलदायी माना गया है। सूर्य और चंद्र कभी वक्री नहीं रहते हैं। इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं। आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए गंगाजल से पूरे माह नियमित अभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
सावन सोमवार और भगवान शिव के अभिषेक का महत्व
सावन माह के सोमवार का समय भगवान शिव के पूजन का विशेष होता है। सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करना अत्यंत फलदाई होता है। रुद्राष्टकम, शिव पुराण एवं अन्य धार्मिक ग्रंथों का पठन पाठन करना विशेष फलदाई होता है।
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत 14 जुलाई 2025
सावन माह के पहले सोमवार के दिन 14 जुलाई को धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र रहेगा, आयुष्मान और सौभाग्य योग रहेगा। इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी रहेगी इस समय भगवान शिव का पूजन भक्तों को शुभता देने वाला होगा।
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत 21 जुलाई 2025
सावन माह के दूसरे सोमवार के दिन 21 जुलाई 2025 को रोहिणी नक्षत्र का योग मिलेगा और चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में गोचर करेगा। दूसरे सावन सोमवार के दिन वृद्धि योग की शुभता मिलने वाली है। द्वितीय श्रावण सोमवार के दिन कामिका एकादशी का शुभ समय भी होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग प्राप्त होगा।
तृतीय श्रावण सोमवार व्रत 28 जुलाई 2025
सावन माह के तीसरे सोमवार के दिन 28 जुलाई 2025 को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र मिलेगा इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र भी प्राप्त होगा। रवि योग की शुभता रहेगी।श्रावण तृतीय सोमवार के दिन विनायक चतुर्थी का पर्व भी मनाया जाएगा।
चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत 04 अगस्त 2025
सावन माह के चतुर्थ सोमवार के दिन 04 अगस्त 2025 को होगा। इस दिन अनुराधा नक्षत्र के साथ ज्येष्ठा नक्षत्र की प्राप्ति होगी। चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत के दिन ब्रह्म और इंद्र योग नामक शुभता होगी। सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग की प्राप्ति होगी। चंद्रमा इस दिन वृश्चिक राशि में गोचर करेगा ऐसे में इस दिन किया गया शिव अनुष्ठान भक्तों को मानसिक शांति देने वाला होगा। चंद्र दोष की शांति होगी, ग्रहण योग पितृ दोष की शांति होगी।
सावन मास में शिव मंत्रों का जाप करने से विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है
ज्ञानवृद्धि, यश और ऐश्वर्य के लिए -
"ॐ ऐं नम: शिवाय"।
कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता प्राप्ति के लिए मंत्र -
अगर आप कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गए हैं तो, इन मामलों में सफलता प्राप्ति के लिए इस मंत्र का शिवलिंग के समक्ष 36 बार जाप करें.
"ॐ क्रीं नम: शिवाय क्रीं ॐ"।।
सौभाग्य प्राप्ति के लिए मंत्र -
परिवार में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जप करें. इस मंत्र का 108 बार जाप करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
"ॐ साम्ब सदाशिवाय नम:"।।
निरोगी जीवन के लिए मंत्र -
अच्छी सेहत के लिए भक्तों को महामृत्युंजय का जाप अवश्य करना चाहिए. माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से भक्तों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
"ॐ हौं जूं सः"
शिवलिंग पर मनोकामना अनुसार अभिषेक -
जल से शिव का अभिषेक करने पर दीघार्यु प्राप्ति होती है तथा विघ्नों का नाश होता है दूध से अभिषेक करने पर स्वस्थ शरीर व निरोगी काया प्राप्त होती है। गन्ने के रस (इक्षु रस) से शिवजी अभिषेक करने पर लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है तथा व्यक्ति से संपन्न होता है। इत्र से (सुगंधित द्रव्य) से अभिषेक करने पर व्यक्ति कीर्तिमान होता है।शकरा(शक्कर) से अभिषेक करने पर पुष्टि में वृद्धि होती है आम रस से अभिषेक करने पर योग्य संतान प्राप्ति होती है। गंगाजल से अभिषेक करने पर मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त होता है । घी से शिव का अभिषेक करने से संपन्नता आती है। तेल से अभिषेक करने पर विघ्नों का नाश होता है। सरसों के तेल से श्रावण मास में शिव अभिषेक शत्रुओं का शमन करता है।