डायबिटीज के कुछ मरीजों में कम हो जाता है हीमोग्लोबिन, कैसे करें बैलेंस

By :  vijay
Update: 2025-01-21 20:30 GMT

डायबिटीज के मरीजों में हीमोग्लोबिन का लेवल कम होना एक आम समस्या हो सकती है. मरीजों में हीमोग्लोबिन का कम होना एनीमिया का संकेत हो सकता है. लंबे समय तक डायबिटीज की समस्या बनी है तो किडनी भी प्रभावित कर सकती है. इससे मरीजों की परेशानी अधिक बढ़ जाती है. मरीजों में एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन का बनना कम हो जाता है. यह हार्मोन शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों में अगर हीमोग्लोबिन कम है तो एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन का उत्पादन कम होने लगता है. इससे कई और बीमारियां होने का खतरा बन जाता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.

पोषण की कमी

डायबिटीज के मरीजों में आयरन, विटामिन बी12, और फोलिक एसिड की कमी आम होती है. इसकी कमी से हीमोग्लोबिन बनना कम होने लगता है. जिससे किडनी, लीवर समेत शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है. अगर डायबिटीज के मरीज लंबे समय से कोई अन्य दवाएं लेते हैं तो उनके शरीर में विटामिन बी12 का स्तर कम होने लगती है. जो हीमोग्लोबिन बनाने के लिए जरूरी होता है.

ब्लड शुगर का असर

डायबिटीज के मरीजों में हाई ब्लड शुगर की वजह से शरीर में सूजन और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को कम कर सकता है.

हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं

सही आहार लेकर हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाया जा सकता है. डायबिटीज के मरीजों को हरी पत्तेदार सब्जियां और फल खाना चाहिए. जैसे पालक, मेथी, चुकंदर, अनार, सेब, गुड़ को खाकर हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ाया जा सकता है. विटामिन बी12 की मात्रा को बढ़ाकर हीमोग्लोबिन की समस्या को दूर कर सकते हैं. जैसे दूध, दही, अंडा, मछली, चिकन खाकर विटामिन बी 12 की मात्रा को शरीर में पूरा कर सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए.

अगर डायबिटीज के साथ-साथ थकान, कमजोरी, सांस फूलना, या चक्कर आना हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. नियमित जांच (ब्लड टेस्ट) करवाएं, ताकि हीमोग्लोबिन और ब्लड शुगर के स्तर का पता चल सकें और उसे नियंत्रित करने में मदद मिल सके.

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