डायबिटीज किडनी को ऐसे करती है खराब, ट्रांसप्लांट तक की आ जाती है नौबत
जब भी शरीर में कोई असामान्य लक्षण शुरू होता है और यह लंबे समय तक बना रहता है तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए. शरीर में अचानक घबराहट होना, शुगर लेवल बढ़ना, बार-बार पेशाब आना, भूख का ज्यादा या कम होने लगे तो आपको समझ जाना चाहिए कि कोई बीमारी दबे पांव एंट्री कर रही है. ऐसी ही एक बीमारी है डायबिटीज, जिस पर शुरू में ध्यान नहीं दिया जाए तो समय के साथ यह बीमारी कई अंगों को प्रभावित कर सकती है. डायबिटीज के मरीजों में किडनी खराब होने का खतरा ज्यादा होता है.
वैसे तो डायबिटीज एक आम बीमारी है, लेकिन जब यह गंभीर हो जाती है तो किडनी को बुरी तरह से प्रभावित कर देती है. जिसे बाद में ठीक होने में अधिक वक्त और पैसा लगता है. कई बार तो मरीज की जान भी चली जाती है.
डायबिटीज से कैसे होती है किडनी की बीमारी ?
डायबिटीज के रोगियों में हाई ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिससे किडनी सही तरीके से फंक्शन नहीं कर पाती है. किडनी ना तो ब्लड को ठीक से फिल्टर करने में समर्थ रहती है और ना ही शरीर के ब्लड से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में कार्य करती है. ऐसी स्थिति से प्रभावित लोगों के यूरीन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है इसके अलावा अधिक समय तक शुगर युक्त यूरीन से बैक्टीरिया के तेजी से बढ़ने के कारण इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है. डायबिटीज के रोगियों में किडनी की बीमारी के कुछ लक्षण होते हैं. जैसे हाई बीपी, बार-बार पेशाब आना, भूख कम लगना और सांस लेने में परेशानी समेत थकान जैसे कई लक्षण दिखाए देने लगते हैं.
शरीर में किडनी का काम
डायबिटीज में मरीज के ब्लड में शुगर का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, जिससे किडनी खराब होने की आशंका बढ़ जाती है. किडनी हमारे शरीर में अपशिष्ट को हटाने और ब्लड को फ्यूरीफाई करने का काम करती है, लेकिन डायबिटीज का लेवल अधिक होने लगता है तो इससे किडनी फेलियोर होने की संभावना बढ़ जाती है.
किडनी ट्रांसप्लांट की आ जाती है नौबत
डायबिटीज के रोगियों में रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होने लगता है. इससे यूरीन में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.ऐसे मामले में, डायलिसिस, दवाओं और किडनी ट्रांसप्लांट की भी जरूरत पड़ जाती है. डायबिटीज रोगियों में किडनी बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है. मरीजों को राहत देने और विषम जटिलताओं के विकास को रोकने के लिए किया जाता है. आप अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव कर इन समस्याओं को कम कर सकते हैं