फुल बॉडी चेकअप कराने के क्या हैं फायदे, किन बीमारियों की होती है पहचान
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं है. कई बार शरीर में कोई बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती रहती है और हमें पता ही नहीं चलता. जब तक लक्षण सामने आते हैं, तब तक हालत बिगड़ चुकी होती है. इसलिए समय-समय पर फुल बॉडी चेकअप कराना बहुत ज़रूरी है. फुल बॉडी चेकअप कराने के बहुत सारे फायदे होते हैं. इससे बीमारियों का जल्दी पता चलता है. कई बीमारियां बिना किसी लक्षण के शरीर में बढ़ती रहती हैं, चेकअप से यह समय रहते पकड़ में आ जाती हैं. समय से इलाज होने से लक्षण गंभीर नहीं होते हैं और मरीज समय पर ठीक भी हो जाता है.
ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आपको कौन से टेस्ट कराने जरूरी हैं और इनसे क्या फायदे होते हैं. दरअसल, आज कल हमलोग टॉक्सिक और प्रदूषित माहौल में जी रहे हैं. खराब खानपान, अव्यवस्थित लाइफ स्टाइल के कारण हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं हो रही हैं. इसके अलावा जेनेटिक प्रॉब्लम की वजह से भी हमें कई तरह की बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह से हम फुल बॉडी चेकअप करवाते हैं तो इससे शरीर में होने वाले जोखिम का खतरा कम हो सकता है.
फुल बॉडी चेकअप कराने के क्या हैं फायदे
हेल्थ एक्सपर्ट डॉ समीर भाटी बताते हैं कि किसी टेस्ट या स्कैन कराने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. डॉ भाटी कहते हैं कि कैंसर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट नहीं होता है. कैंसर की जांच के लिए अगर टेस्ट होते हैं. महिलाओं में पैप स्मीयर से सर्वाइकल कैंसर की जांच होती है और मेमोग्राम से ब्रेस्ट कैंसर की जांच होती है. जिनको स्मोकिंग की हिस्ट्री है उनमें लो डोज सीटी स्कैन ( लंग्स) का कराने की जरूरत होती है.
बल्ड टेस्ट के अलावा पेट का अल्ट्रासाउंड कराना जरूरी होता है. हार्ट के लिए बीपी टेस्ट, शुगर टेस्ट और हार्ट का ईको और जिन लोगों को हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री है उनमें हार्ट की सीटी एंजियोग्राफी होती है. डॉ भाटी कहते हैं कि किसी बीमारी की शुरुआत में पहचान से उसका आसानी से इलाज किया जा सकता है. इसके लिए सही समय पर सही टेस्ट कराना जरूरी है. आप बीमारियों की पहचान के लिए ये टेस्ट भी करा सकते हैं.
हार्ट के लिए टेस्ट
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ईसीजी टेस्ट से हार्ट की स्थिति का पता चलता है और दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव हो सकता है.
किडनी और लिवर की जांच
लिवर फंक्शन टेस्ट – लिवर के स्वास्थ्य की जांच के लिए LFT और हेपेटाइटिस जैसी स्थितियों का पता लगाता है.
किडनी फंक्शन टेस्ट – किडनी की बीमारियों की जांच के लिए KFT करवाना चाहिए.
लिपिड प्रोफाइल और यूरीन टेस्ट
कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को मापता है. ब्लड और यूरीन टेस्ट से इनकी सेहत का पता चलता है ताकि समय पर इलाज किया जा सके.
हड्डियों की मजबूती का पता
कैल्शियम और विटामिन डी की जांच से हड्डियों की कमजोरी या ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाया जा सकता है.
थायरॉइड की गड़बड़ी
टीएसएच टेस्ट से थायरॉइड सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं इसका पता चलता है.