नमक और तेल पड़ रहा भारी: अचार-पापड़ के शौकीन सावधान! बीपी बढ़ा तो दिल पर डबल खतरा
गोरखपुर। अगर आपका रक्तचाप (बीपी) 140/90 से ऊपर जा रहा है तो समझ लीजिए कि दिल खतरे की घंटी बजा रहा है। आलस, नमक और तैलीय भोजन मिलकर आपके हृदय पर डाका डाल रहे हैं। विशेषज्ञों ने साफ चेतावनी दी है – अब केवल “जी लो जैसे जी रहे हो” वाली सोच से काम नहीं चलेगा। रोज़ाना कम से कम 40 मिनट व्यायाम, उसमें भी 30 मिनट तेज़ चलना, जरूरी है।
‘साइलेंट किलर’ है हाई बीपी
एम्स में विश्व हृदय दिवस 2025 पर आयोजित वेबिनार में डॉक्टरों ने बताया कि हाई बीपी यानी हाइपरटेंशन को यूं ही साइलेंट किलर नहीं कहा जाता। यह धीरे-धीरे दिल, दिमाग, किडनी और आंखों पर हमला करता है। खास बात यह है कि अक्सर लोग लक्षण पहचान ही नहीं पाते और अचानक हार्ट अटैक या स्ट्रोक का शिकार हो जाते हैं।
22 करोड़ लोग बीपी से जूझ रहे
देश में करीब 22 करोड़ लोग हाई बीपी के मरीज हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 2.4 करोड़ ही इसे काबू कर पाते हैं। बाकी लोग लापरवाही या गलत खानपान की वजह से गंभीर खतरे की ओर बढ़ रहे हैं।
क्या है इलाज?
👉 नमक – दिनभर में 5 ग्राम (एक चम्मच) से ज्यादा न लें।
👉 पैकेटबंद स्नैक्स, अचार-पापड़ और तैलीय खाने से दूरी।
👉 ताजे फल-सब्जियां और साबुत अनाज को थाली में जगह दें।
👉 रोज़ाना आधा घंटा तेज़ चलें।
👉 वजन नियंत्रण और तनाव प्रबंधन करें।
👉 डॉक्टर की दवा समय पर लें, तंबाकू तुरंत छोड़ें।
अचार-पापड़ भी बढ़ा रहे बीपी!
डा. यू. वेंकटेश ने चेतावनी दी कि पूर्वांचल में भोजन के साथ अचार-पापड़ खाने की परंपरा है। यह गलत नहीं, लेकिन शारीरिक मेहनत न होने के कारण नमक और तेल का ज़्यादा सेवन बीपी को आसमान पर चढ़ा देता है। यही वजह है कि यहां दिल के दौरे और स्ट्रोक के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
दिल बचाना है तो उठ जाइए
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप समय रहते अपनी आदतें सुधार लें तो बीपी काबू में रह सकता है। वरना देर-सवेर यह बीमारी दिल, दिमाग और किडनी को बर्बाद कर देगी।
