अलर्ट ! प्लास्टिक जार का अचार बना रहा आपको बीमार, डॉक्टर ने बताया इसे खतरे की घंटी
भीलवाड़ा ।क्या आपने कभी अपनी दादी या नानी को अचार बनाते देखा है? याद कीजिए, वो हमेशा मिट्टी या सिरेमिक के मर्तबान में ही अचार डालती थीं।
लेकिन वक्त के साथ लोगों ने सुविधा के नाम पर प्लास्टिक का चुनाव कर लिया — और यही चुनाव अब सेहत पर भारी पड़ रहा है।
घरों में रखा जाने वाला प्लास्टिक जार का अचार अब सेहत के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि प्लास्टिक में रखे गए अचार में धीरे-धीरे हानिकारक केमिकल (BPA और फ़्थैलेट्स) घुलने लगते हैं, जो शरीर में पहुंचकर कैंसर, हार्मोनल असंतुलन और लिवर की बीमारियां तक पैदा कर सकते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी या धूप में प्लास्टिक जार रखने से यह खतरा और बढ़ जाता है। वहीं बाज़ार में बिकने वाले कई सस्ते ब्रांड भी अचार को प्लास्टिक पैक में बेच रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक है।
भीलवाड़ा के फिजिशियन डॉ. दुष्यंत शर्मा ने कहा कि "अचार में नमक, तेल और मसाले पहले ही हाई एसिडिक नेचर रखते हैं। जब इन्हें प्लास्टिक जार में रखा जाता है तो केमिकल रिएक्शन शुरू हो जाती है, जिससे जार से जहरीले तत्व अचार में घुल जाते हैं। लंबे समय तक ऐसा अचार खाने से पेट, लिवर और हार्मोन से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।"
डॉ. शर्मा ने कहा, “यह सिर्फ एक अचार का चुनाव नहीं, सेहत का चुनाव है — अगर आप सुविधा के लिए प्लास्टिक चुनते हैं, तो खतरे को भी साथ ला रहे हैं।”
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि अचार हमेशा कांच या मिट्टी के बर्तन में ही रखना चाहिए और उसे धूप से बचाना चाहिए।
अब फैसला आपका है — सुविधा का प्लास्टिक या सेहत का मर्तबान, चुनाव वही करें जो जीवन को लंबा रखे।
अगर आपके घर में प्लास्टिक जार में अचार रखा है, तो तुरंत उसे कांच की बोतल में ट्रांसफर कर दें — यही सेहत की असली सुरक्षा है।
