जयपुर। अक्सर 45-50 साल के बाद धीरे-धीरे शरीर के जोडों मे से लुब्रीकेन्ट्स एवं केल्शियम बनना कम हो जाता है। जिसके कारण जोडों का दर्द ,गैप, केल्शियम की कमी, वगैरा प्रोब्लेम्स सामने आते है, जिसके चलते आधुनिक चिकित्सा आपको जोइन्ट्स रिप्लेस करने की सलाह देते हैं तो कई आर्थिक रुप से सधन लोग यह मानते है कि हमारे पास तो बहुत पैसे हैं। तो घुटना चेंज करवा लेते है। किंतु क्या आपको पता है जो चीज कुदरत ने हमे दी है, वो आधुनिक विज्ञान या तो कोई भी साइंस नही बना सकती। आप कृत्रिम जॉइन्ट फिट करवा कर थोडे समय २-४ साल तक ठीक हो सकते हैं। लेकिन, बाद में आपको बहुत ही तकलीफ होगी। जॉइन्ट रिप्लेसमेंट का सटीक इलाज आज में आपको बता रहा हूँ। वो आप नोट कर लीजिये और हां ऐसे हजारों जरुरतमंद लोगो तक पहुचाएं जो रिप्लेसमेंट के लाखों रुपये खर्च करने मे असमर्थ हैं। बबूल नामके वृक्ष को आपने जरुर देखा होगा। यह भारत मे हर जगह बिना लगाए ही अपने आप खडा़ हो जाता है, अगर यह बबूल नाम का वृक्ष अमेरिका या तो विदेशाें मे इतनी मात्रा में होता तो आज वही लोग इनकी दवाई बनाकर हमसे हजारों रुपए लूट रहे होते। लेकिन भारत के लोगों को जो चीज मुफ्त मे मिलती है उनकी कोइ कदर नहीं है।
प्रयोग इस प्रकार करना हैः बबूल के पेड़ पर जो फली ( फल) आती है उसको तोड़कर लाएं। अगर आपको शहर में नहीं मिल रहे तो किसी गांव में जाएं वहां जितने चाहिए उतने मिल जाएंगें, उसको सुखाकर पाउडर बना लें और सुबह १ चम्मच मात्रा में गुनगुने पानी से खाएं। केवल एक या दो महीने सेवन करने से आपके घुटने का दर्द बिल्कुल ठीक हो जाएगा। आपको घुटने बदलने की जरुरत नही पड़ेगी।
इस संदेश को हर एक भारतीय एवं हर एक घुटने के दर्द से पीड़ित व्यक्ति तक पहुचाएं ताकि किसी गरीब के लाखों रुपये बच जाएं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस संदेश को पढ़ने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस संदेश को 11 व्यक्तियो को भेज दे, तो वह कम से कम ग्यारह व्यक्ति का जीवन रोगमुक्त कर सके, रीपोस्ट करके इस महत्वपूर्ण संदेश आगे प्रेषित करें।
- डॉ पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेद विशेषज्ञ राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय शासन सचिवालय जयपुर।