अत्यधिक जंक फूड का सेवन, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी बच्चेदानी के कैंसर के प्रमुख कारण

Update: 2025-12-19 17:46 GMT


पटना। ऑब्सटेट्रिक एंड गायनाकोलॉजिकल सोसाइटी और कैंसर क्योर पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में पटना में एक दिवसीय गायनी ऑन्को कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बिहार सहित अन्य राज्यों से 100 से अधिक स्त्री रोग और कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया।

कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने बताया कि पटना समेत पूरे बिहार में गर्भाशय के मुख यानी सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। पद्मश्री से सम्मानित स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शांति राय ने कहा कि महिलाओं में अत्यधिक जंक फूड का सेवन, लगातार मानसिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी बच्चेदानी के कैंसर के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं।

कार्यक्रम का उद्घाटन आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सीईओ डॉ शांशक शेखर, पद्मश्री डॉ शांति राय, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू गीता मिश्रा, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ नीलू यादव और कैंसर विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ नीलू यादव ने कहा कि गर्भाशय के मुख के कैंसर से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि अनियमित मासिक धर्म इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में शामिल है, हालांकि कई मामलों में लक्षण काफी देर से सामने आते हैं।

डॉ नीलू यादव ने सलाह दी कि 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर साल पैप स्मीयर और कोलपोस्कोपी जांच जरूर करानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चियों को नि:शुल्क एचपीवी वैक्सीन दी जा रही है, जिसे माता पिता को अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिए, ताकि भविष्य में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम किया जा सके।

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