कफ सिरप से 23 बच्चों की मौत के बाद सख्त हुआ स्वास्थ्य विभाग, अब हर बैच की दवा की होगी जांच

Update: 2025-10-13 16:49 GMT

  

 भोपाल:  मध्य प्रदेश में विषाक्त कफ सिरप से छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्ना जिलों में **23 बच्चों की दर्दनाक मौत** के बाद राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब सरकारी अस्पतालों में मरीजों को **कोई भी दवा तभी दी जाएगी**, जब वह **गुणवत्ता जांच में पास** होगी। इसके लिए हर बैच की दवा की जांच अनिवार्य की गई है।

**अभी तक की प्रक्रिया:** फिलहाल दवा स्टोर से औचक तौर पर कुछ दवाओं के सैंपल राज्य और केंद्र की लैब में जांच के लिए भेजे जाते थे। लेकिन रिपोर्ट आने तक संबंधित बैच की ज्यादातर दवाएं पहले ही अस्पतालों में वितरित हो चुकी होती थीं। कई बार रिपोर्ट अमानक आने पर इन्हें वापस लेना पड़ता था।

**44 दवाएं निकली अमानक:** पिछले तीन साल में प्रदेश में कुल **44 दवाएं अमानक** पाई गईं। इनमें किसी में औषधि की मात्रा कम मिली, तो किसी में लेबलिंग निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं थी। इसके आधार पर संबंधित कंपनियों की **आपूर्ति पर रोक** लगा दी गई है।

**नई सख्त नीति:** अब स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि **हर बैच की दवा की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही** उसे अस्पतालों में भेजा जाएगा। इससे मरीजों को मिल रही दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी और **कफ सिरप जैसी त्रासद घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।**


 

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