जानें ठंडा पानी पीने के नुकसान: अगर आपकी भी है ये आदत तो तुरंत कर लें सुधार, नहीं तो वक्त से पहले आ जाएगा यमराज का बुलावा

गर्मी का मौसम आते ही अधिकतर लोगों को फ्रिज का ठंडा पानी पीने की आदत होती है. जब उनका गला सूखने लगता है या फिर वे कहीं बाहर से आते हो तो वे सीधा फ्रिज से निकालकर पानी पी लेते हैं. अगर आपकी भी ऐसे ही है तो आपको अपने आप में सुधार करने की जरूरत है. क्योंकि सीधा फ्रिज पानी पीना कई गंभीर बीमारियों को दावत देता है. भले ही यह पानी आपको सुकून देता हो, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक फ्रिज का पानी पीना शरीर के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है.
विशेषज्ञों की मानें तो ठंडा पानी सिरदर्द या माइग्रेन के लक्षणों को बढ़ा सकता है. अगर माइग्रेन हो गया तो आपको एक मिनट के लिए दर्द से चैन नहीं मिलेगा. इसके अलावा आपको तेज ध्वानि से चिढ़ होने लगेगी. वैसे माइग्रेन से सीधे मौत तो संभव नहीं है लेकिन रक्त वाहिकाओं में बदलाव होने से स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है. जो कई बार जानलेवा होता है.
A जानें ठंडा पानी पीने के नुकसान
हृदय गति में आ सकती है अस्थिरता
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि फ्रिज का ठंडा पानी हृदय गति को कम कर सकता है. इसके अलावा यह ब्लड सर्कुलेशन में रूकावट डालती है. यदि रक्त प्रवाह मस्तिष्क, हृदय या फेफड़ों को बाधित कर दिया तो ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है. जिससे मौत भी हो सकती है.
प्रतिरोधक क्षमता में कमी
सीधे तौर फ्रीज का ठंडा पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. जिससे कोई भी बीमारी आपके शरीर पर हावी हो सकती है.
ठंडा पानी पीने का पाचन पर भी पड़ता है असर
विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक ठंडा पानी पाचन तंत्र की गति को धीमा कर देता है. शरीर के सामान्य तापमान से बहुत नीचे का पानी पेट की रक्तवाहिकाओं को संकुचित कर देता है, जिससे अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
गले की समस्याएं बढ़ सकती हैं
फ्रिज का पानी सीधे गले को ठंडक पहुंचाता है जिससे गले में खराश, टॉन्सिल की सूजन और कभी-कभी वायरल संक्रमण की संभावना भी बढ़ जाती है. ईएनटी विशेषज्ञ बताते हैं कि ठंडा पानी गले की इम्युनिटी को अस्थायी रूप से कमजोर कर देता है.
मेटाबॉलिज्म और शरीर की गर्मी संतुलन पर असर
शरीर का प्राकृतिक तापमान लगभग 37°C होता है. जब हम अचानक 4–10°C तापमान वाला पानी पीते हैं, तो शरीर उस पानी को सामान्य तापमान पर लाने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करता है. इससे मेटाबॉलिक गतिविधियों में असंतुलन आ सकता है.
दांतों और मसूड़ों पर प्रभाव
दंत चिकित्सकों का कहना है कि अत्यधिक ठंडा पानी दांतों की ऊपरी परत (इनैमल) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे सेंसिटिविटी की समस्या उत्पन्न होती है. साथ ही मसूड़ों में सूजन और झनझनाहट भी हो सकती है.
क्या करें?
फ्रिज का पानी तुरंत न पिएं, पहले उसे सामान्य तापमान में कुछ समय के लिए रखें.
मिट्टी के घड़े (कुल्हड़) या स्टील के बर्तन में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए ज्यादा सुरक्षित होता है.
अत्यधिक प्यास लगने पर गुनगुना या सामान्य तापमान का पानी पिएं.