नवजात टीकाकरण में बड़ा बदलाव, हेपेटाइटिस बी का जन्म टीका अब सभी पर अनिवार्य नहीं
अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र सीडीसी ने नवजात बच्चों को दिए जाने वाले हेपेटाइटिस बी टीकाकरण के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब जिन बच्चों की मां की जांच रिपोर्ट हेपेटाइटिस बी निगेटिव है, उनके लिए जन्म के समय टीका लगवाना अनिवार्य नहीं रहेगा। ऐसी स्थिति में माता पिता और डॉक्टर मिलकर यह तय कर सकेंगे कि टीका जन्म पर दिया जाए या दो महीने बाद से शुरू किया जाए।तीन दशक से अमेरिका में हर नवजात को जन्म के चौबीस घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी का पहला टीका देना जरूरी था। इस नीति से बचपन में हेपेटाइटिस बी के केस काफी कम हुए थे। लेकिन सीडीसी की सलाहकार समिति ने माना कि निगेटिव रिपोर्ट वाली माताओं के बच्चों में जन्म पर टीका की अनिवार्यता को लचीला बनाया जा सकता है।
कुछ नियम पहले जैसे ही रहेंगे। यदि मां हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव है, तो बच्चे को जन्म के बारह से चौबीस घंटे के भीतर टीका और एचबीआईजी दोनों दिए जाना अनिवार्य रहेगा। इससे संक्रमण का खतरा नब्बे प्रतिशत तक घट जाता है। गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी जांच भी पहले की तरह अनिवार्य रखी गई है। परिवार चाहे तो जन्म पर टीका लगवाने का विकल्प हमेशा उपलब्ध रहेगा।इस बदलाव पर विशेषज्ञों की चिंताएं भी सामने आई हैं। कई डॉक्टरों का कहना है कि कई बार मां की रिपोर्ट देर से मिलती है या गलत साबित होती है। ऐसे मामलों में जन्म पर टीका न लगने से बच्चे में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि जब टीकाकरण में विकल्प बढ़ते हैं तो डोज छूटने की संभावना भी बढ़ जाती है। उनका मत है कि जन्म पर दी जाने वाली डोज एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है जो आगे की गलती की गुंजाइश को कम कर देती है।