देहरादून ऑनलाइन माध्यम से दवाओं की बिक्री पर अब जल्द ही **पाबंदी** लग सकती है। उत्तराखंड सरकार ने इस संबंध में **केंद्र सरकार को सिफारिश** भेज दी है। राज्य के **फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA)** ने दवाओं की **ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी** को नियंत्रित करने की मांग की है।
एफडीए के अपर आयुक्त **ताजबर सिंह जग्गी** ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उत्तराखंड सहित कई अन्य राज्यों ने भी **ऑनलाइन दवा कारोबार पर प्रतिबंध** लगाने का सुझाव केंद्र को भेजा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार **ड्रग एंड कॉस्मेटिक ऐक्ट** में संशोधन की तैयारी कर रही है, जिसमें इस व्यवस्था को शामिल किया जा सकता है।
कफ सिरप कांड के बाद सख्ती की तैयारी
हाल ही में देश के कई हिस्सों में **कफ सिरप से बच्चों की मौत** के मामलों के बाद केंद्र सरकार ने दवा निर्माण और बिक्री से जुड़े नियमों को सख्त करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत राज्यों से सुझाव मांगे गए थे, जिस पर उत्तराखंड ने स्पष्ट रूप से ऑनलाइन दवा बिक्री को रोकने की सिफारिश दी है।
करोड़ों का ऑनलाइन कारोबार
राज्य में दवाओं का ऑनलाइन कारोबार **करोड़ों रुपये** का हो चुका है। उत्तराखंड में **20 हजार से अधिक मेडिकल स्टोर** पंजीकृत हैं, जिनमें बड़ी संख्या में संचालक ऑनलाइन माध्यम से भी कारोबार कर रहे हैं। **कोरोनाकाल** में यह व्यवस्था तेजी से बढ़ी और अब व्यापक रूप ले चुकी है।
रिकॉर्ड रखना मुश्किल, गड़बड़ी की आशंका
एफडीए अधिकारियों के मुताबिक, ऑनलाइन बिक्री के जरिए यह पता लगाना मुश्किल होता है कि **कौन व्यक्ति**, **किस स्टोर से**, **कब**, और **कितनी मात्रा में** दवाएं मंगवा रहा है। रिकॉर्ड छिपाना आसान होने के कारण **गड़बड़ी और दुरुपयोग की आशंका** बनी रहती है। इसी वजह से लंबे समय से इसकी निगरानी और नियंत्रण की मांग की जा रही थी।
अगर केंद्र सरकार इस सिफारिश को मान लेती है, तो आने वाले समय में **ऑनलाइन दवा बिक्री पर देशभर में प्रतिबंध** लग सकता है।
