2026 से पहले सेहत की सुरक्षा का फार्मूला, ये जांचें समय पर कराना क्यों जरूरी है

Update: 2025-12-28 06:40 GMT



तेजी से बदलती जीवनशैली में अब इलाज से ज्यादा अहम हो गया है बीमारी से पहले सावधानी बरतना। आज के समय में प्रिवेंटिव हेल्थकेयर कोई विकल्प नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य के लिए जरूरी कदम बन चुका है। साल 2026 करीब है और विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर सही समय पर जरूरी मेडिकल जांच करवा ली जाए, तो कई गंभीर बीमारियों को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सकता है। केवल खानपान सुधारना या एक्सरसाइज करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि नियमित हेल्थ टेस्ट भी उतने ही जरूरी हैं, क्योंकि कई बीमारियां बिना किसी लक्षण के शरीर को नुकसान पहुंचाती रहती हैं।

सीबीसी जांच से शरीर की असली स्थिति

कंप्लीट ब्लड काउंट शरीर की बुनियादी सेहत को समझने का सबसे आसान तरीका है। इससे खून की कमी, इंफेक्शन, सूजन और पोषक तत्वों की कमी का पता चल जाता है। डॉक्टरों की सलाह है कि हर वयस्क व्यक्ति को साल में एक बार यह जांच जरूर करानी चाहिए, ताकि किसी भी गड़बड़ी को समय रहते पकड़ा जा सके।

HbA1c टेस्ट और शुगर पर नियंत्रण

डायबिटीज अब केवल उम्रदराज लोगों की बीमारी नहीं रही। HbA1c टेस्ट पिछले तीन महीनों के औसत ब्लड शुगर लेवल की जानकारी देता है। इस जांच से प्री डायबिटीज की स्थिति पहले ही सामने आ जाती है, जिससे समय रहते खानपान और दिनचर्या में बदलाव कर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।

लिपिड प्रोफाइल और दिल की सेहत

तनाव, जंक फूड और अनियमित दिनचर्या के कारण कोलेस्ट्रॉल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लिपिड प्रोफाइल जांच से खराब और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के साथ ट्राइग्लिसराइड्स की स्थिति साफ होती है। समय पर जांच से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।

थायरॉइड जांच की अहमियत

थायरॉइड से जुड़ी दिक्कतें खासकर महिलाओं में आम होती जा रही हैं। T3, T4 और TSH टेस्ट से हार्मोनल असंतुलन की पहचान हो जाती है। समय पर इलाज से वजन बढ़ने, अत्यधिक थकान और मूड से जुड़ी समस्याओं पर नियंत्रण संभव है।

विटामिन D और B12 की जांच

भारत में बड़ी संख्या में लोग विटामिन D और B12 की कमी से जूझ रहे हैं। इसका असर हड्डियों के दर्द, कमजोरी, चिड़चिड़ेपन और कमजोर इम्युनिटी के रूप में दिखता है। साल में एक बार इन विटामिन्स की जांच कराकर सही सप्लीमेंट लेने से सेहत में बड़ा सुधार देखा जा सकता है।

कैंसर की समय पर पहचान

कैंसर के मामले अब कम उम्र में भी सामने आने लगे हैं। महिलाओं के लिए पैप स्मीयर और HPV जांच बेहद जरूरी मानी जाती है। 40 साल के बाद महिलाओं को मैमोग्राफी और पुरुषों को 45 साल के बाद PSA टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है, ताकि कैंसर की शुरुआती अवस्था में पहचान हो सके।

किडनी और लिवर की नियमित जांच

गलत खानपान और शराब की आदत से लिवर और किडनी पर सीधा असर पड़ता है। साल में एक बार LFT और KFT जांच से इन अंगों की कार्यक्षमता का सही आकलन हो जाता है और समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है।

दिल और अन्य जरूरी टेस्ट

नियमित ब्लड प्रेशर जांच, ECG और जरूरत पड़ने पर इको से दिल की बीमारियों का खतरा पहले ही सामने आ जाता है। कुछ मामलों में डॉक्टर CT कोरोनरी एंजियोग्राफी की सलाह भी देते हैं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड और चेस्ट एक्सरे से पेट और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं की पहचान शुरुआती स्तर पर हो जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लोग इन जरूरी जांचों को समय पर अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें, तो आने वाले वर्षों में गंभीर बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। प्रिवेंटिव हेल्थकेयर न केवल खर्च बचाता है, बल्कि लंबी और स्वस्थ जिंदगी की नींव भी रखता है।

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