विश्व एड्स वैक्सीन दिवस: नियमित दवाओं के सेवन से दूर हो सकती है एड्स की समस्या, रोकथाम के लिए बन रहा है टीका

डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवा एड्स के रोगियों की समस्याओं को कम कर सकता है। मौजूदा समय में ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं जो वायरस के प्रभाव को कम कर सकता है। आने वाले दिनों में इस रोग की रोकथाम के लिए टीका भी उपलब्ध हो सकता है। इसके लिए काम चल रहा है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम) एक गंभीर बीमारी है। यह एचआईवी वायरस के कारण होती है। यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने में कमजोर हो जाता है। फिलहाल देश में इसकी रोकथाम के लिए केवल दवाएं ही उपलब्ध हैं।
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राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन से मिली जानकारी के मुताबिक एचआईवी एड्स, टीबी और मलेरिया की रोकथाम के लिए वैक्सीन को लेकर काम शुरू किया गया है। इसके लिए 10 मार्च तक आवेदन मांगे गए थे।
वहीं डॉक्टरों का कहना है कि दुनियाभर में वैक्सीन को लेकर काम चल रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भारत में भी वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। इसे लेकर बड़े स्तर पर ट्रायल व अन्य काम चल रहा है।
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एआरटी सेंटर के प्रमुख ने बताया कि सेंटर में इन मरीजों के लिए उपलब्ध दवाएं प्रभावी हैं। यदि मरीज इन दवाओं को नियमित लेता है। डॉक्टरों के बताए नियमों का पूरी तरह से पालन करता है तो उसमें वायरस का प्रभाव कम हो सकता है। वह भी सामान्य व्यक्ति की तरह जिंदगी जी सकता है।
रोग होने में लग सकते हैं कई साल
एचआईवी संक्रमण के बाद एड्स होने में कई साल लग सकते हैं। यदि मरीज शुरुआती दौर में ही अस्पताल पहुंच जाता है तो उसमें होने वाली गंभीरता को काफी हद तक कम किया जा सकता है। शोध के कारण दवाओं में सुधार हुआ है।
इनमें रहती है एड्स होने की आशंका
असुरक्षित यौन संबंध
दूषित सुई या सिरिंज का उपयोग
मां से बच्चे में संक्रमण
दूषित खून चढ़ाने पर एड्स के दिख सकते हैं यह लक्षण
बुखार
थकान
लिम्फ नोड्स में सूजन