ध्वजारोहण, जानें क्या है तिरंगा फहराने और उतारने का कानून

Update: 2024-08-13 18:31 GMT
ध्वजारोहण, जानें क्या है तिरंगा फहराने और उतारने का कानून
  • whatsapp icon


इस वर्ष 15 अगस्त को 78वां स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट किया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां देशभर के स्कूल/ कॉलेजों के साथ ही सरकारी के साथ ही प्राइवेट दफ्तरों में हो रही हैं। स्कूल/ कॉलेज के साथ ही ज्यादातर सरकारी दफ्तरों में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। अगर आप भी ध्वजारोहण करने जा रहे हैं तो उसके लिए बनाये गए नियमों का विशेष ध्यान रखें ताकी किसी भी प्रकार से हमारे तिरंगे का अपमान न हो सके।

क्या है भारतीय ध्वज संहिता

झंडारोहण के लिए हमारे देश में भारतीय ध्वज संहिता लागू है, इसे 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया।। इसके तहत ध्वजारोहण के लिए कानून बनाया गया है जिससे कि किसी भी प्रकार से तिरंगे झंडे का अपमान न हो सके। इस नियम के अनुसार तिरंगे के उपयोग, ध्वजारोहण के लिए नियम और तिरंगे की माप आदि ही निर्धारित की गई है

।इस तरीके का होना चाहिए तिरंगा

भारतीय ध्वज सहिंता के अनुसार झंडा आयताकार होना चाहिए और उसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा। झंडे पर किसी भी भाषा में कोई भी शब्द नहीं लिखा जाना चाहिए।। कटा-फटा या किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त झंडा फहराने के लिए प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।

ध्वजारोहण के समय इन बातों का रखें ध्यान

ध्वजारोहण के लिए उपयोग किये जा रहे तिरंगे में किसी भी प्रकार की गन्दगी नहीं होनी चाहिए।

ध्वजारोहण के समय तिरंगा झंडा किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं छूना चाहिए।

तिरंगे को ऐसे जगह फहराया जाना चाहिए जहां से वह हर किसी को दिखाई दे।

इसके साथ ही तिरंगा जिस जगह फहराया जा रहा है तो ध्यान रखना है कि वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो और झंडा उसके दाहिनी ओर होना चाहिए।

तिरंगे झंडे के साथ अगर किसी और झंडे को जगह दी जानी है तो उसे तिरंगे के बराबर में नहीं फहराया जाना चाहिए, उस झंडे को तिरंगे के नीचे जगह दी जानी चाहिए।

Advertisement

उतारते समय में इन नियमों को रखें ध्यान

ध्वजारोहण के बाद जब भी तिरंगे झंडे को उसके स्थान से हटाया जाये तो भी कुछ नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। झंडे को अकेले में उसके स्थान से हटाया जाना चाहिए। इसके बाद उसको नियमों के तहत फोल्ड करने रखना चाहिए। किसी भी झंडे को उतारने के बाद किसी सार्वजनिक पर ऐसे ही नहीं छोड़ना चाहिए। अगर झंडा किसी प्रकार से कट या फट जाये तो उसे अकेले में जाकर ही पूर्ण रूप से नष्ट करना चाहिए।


Similar News