आम के पौधे का पहला बौर या मंजर क्यूं तोड़ देना चाहिए किसान ऐसा क्यूं करते है

By :  vijay
Update: 2025-03-09 20:30 GMT
आम के पौधे का पहला बौर या मंजर क्यूं तोड़ देना चाहिए किसान ऐसा क्यूं करते है
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आम, जिसे फलों का राजा कहा जाता है, भारत में बेहद लोकप्रिय है. आम के पेड़ की पहली बौर (Aam ki Baur) या मंजर (Manjar) आने पर फल न लेने की सलाह दी जाती है. यह कदम पेड़ की सेहत और भविष्य में बेहतर फल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है.आम के पेड़ की पहली बौर: क्यों नहीं लेना चाहिए फल और क्या करें इस दौरान

 पहली बौर पर फल न लेने के कारण

  आम के पौधे का पहला बौर या मंजर क्यूं तोड़ देना चाहिए किसान ऐसा क्यूं करते है

पेड़ की उम्र और विकास: आम का पेड़ जब 3-4 साल का होता है, तब उसमें पहली बार बौर आती है. इस समय पेड़ की जड़ें और शाखाएं पूरी तरह मजबूत नहीं होती हैं. अगर इस उम्र में फल लगने दिए जाएँ, तो पेड़ की ऊर्जा फलों को बढ़ाने में खर्च हो जाती है, जिससे उसकी समग्र वृद्धि प्रभावित हो सकती है.

भविष्य की उत्पादकता: पहली बौर पर फल न लेने से पेड़ अपनी ऊर्जा का उपयोग जड़, तना और शाखाओं के विकास में करता है, जिससे भविष्य में अधिक और अच्छे गुणवत्ता वाले फल मिलते हैं. यह पेड़ की लंबी अवधि की उत्पादकता के लिए फायदेमंद होता है.

पेड़ की सहनशक्ति: कमजोर संरचना वाले पेड़ पर फल का भार सहन करने की क्षमता कम होती है, जिससे शाखाएँ टूट सकती हैं या पेड़ पर कीट और रोगों का आक्रमण बढ़ सकता है.

पहली बौर या मंजर आने पर अपनाए जाने वाले उपाय

मंजर की छंटाई: जब पहली बौर या मंजर आए, तो उन्हें सावधानीपूर्वक हटा देना चाहिए. यह प्रक्रिया पेड़ की ऊर्जा को संरक्षित करती है, जिससे वह अपनी वृद्धि पर ध्यान केंद्रित कर सके. उर्वरक का प्रयोग: इस समय पेड़ को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करना महत्वपूर्ण है. नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम युक्त उर्वरकों का संतुलित उपयोग पेड़ की वृद्धि में सहायक होता है. सिंचाई: पेड़ को नियमित और उचित मात्रा में पानी देना आवश्यक है, विशेषकर गर्मियों में, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और पेड़ की वृद्धि सुचारू रूप से हो सके.

कीट और रोग नियंत्रण: पेड़ की नियमित जांच करें और किसी भी कीट या रोग के लक्षण दिखाई देने पर उचित नियंत्रण उपाय अपनाएं. जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग विशेषज्ञ की सलाह अनुसार करें. मल्चिंग: पेड़ के आधार के चारों ओर जैविक मल्च (जैसे पत्तियां, घास) बिछाने से मिट्टी की नमी बनी रहती है और खरपतवार नियंत्रण में सहायता मिलती है.

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