इस खास मुहूर्त में लगाएं मेहंदी,: जीवन भर मिलेगी वैवाहिक सुख-शांति

भारतीय संस्कृति में विवाह केवल एक सामाजिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह सात जन्मों का एक पवित्र बंधन माना जाता है. इस पवित्र बंधन की शुरुआत रीतियों और रस्मों से होती है, जिनमें मेहंदी की रस्म का विशेष महत्व है. मेहंदी को सुहाग का प्रतीक माना जाता है, और यह मान्यता है कि जितनी गहरी मेहंदी लगाई जाती है, उतना ही गहरा दांपत्य प्रेम होता है.
शादी की मेहंदी लगाने का एक विशेष शुभ समय होता है. यदि इस रस्म को सही समय पर किया जाए, तो यह वैवाहिक जीवन में प्रेम, समृद्धि और शांति लाता है. आमतौर पर शादी से एक या दो दिन पहले मेहंदी की रस्म होती है, लेकिन पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार चंद्रमा के शुभ प्रभाव और तिथि, वार, नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए इस मुहूर्त का चयन किया जाना चाहिए.
हाथों में लगाएं साजन के नाम की मेहंदी, नाराज पति लगा लेगा गले
शुभ मुहूर्त कैसे चुनें?
शुक्ल पक्ष के दिनों में, विशेषकर बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार को मेहंदी लगवाना शुभ माना जाता है.
रोहिणी, मृगशिरा, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुनी और रेवती नक्षत्र में मेहंदी लगाना विशेष रूप से लाभकारी होता है.
प्रदोष काल या संध्या समय में मेहंदी लगाने से विवाह जीवन में मिठास बढ़ती है.
क्यों खास है मेहंदी की रस्म?
मेहंदी केवल एक सजावटी परंपरा नहीं है, बल्कि इसमें औषधीय गुण भी विद्यमान हैं. यह तनाव को कम करती है और त्वचा को ठंडक प्रदान करती है. विवाह की व्यस्तता और मानसिक दबाव के बीच यह रस्म नववधू को मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करती है.
क्या करें इस दिन?
मेहंदी लगाने से पूर्व श्रीगणेश और माता पार्वती की पूजा करना चाहिए.
मेहंदी में एक चुटकी हल्दी मिलाने से सौभाग्य और शुभता में वृद्धि होती है.
मेहंदी लगाते समय “ॐ लक्ष्मीनारायणाय नमः” का जप करने से विवाह जीवन में समृद्धि बनी रहती है.