राजस्थान में बीते कुछ समय से मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर हलचल तेज हो गई है. बीते दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात भी हो चुकी है. सीएम शर्मा के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की चर्चाओं ने काफी जोर पकड़ाराजस्थान की भाजपा सरकार का करीब 18 महीने का कार्यकाल पूरा होने के बाद अब मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का काम अगले महीने तक होने की उम्मीद है।
पिछले सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। वसुंधरा की मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक सप्ताह में दो बार दिल्ली पहुंचे और उन्होंने भी पीएम, शाह के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल.संतोष से मुलाकात की।
भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी के अनुसार अगले महीने तक राज्य मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होगा। वसुंधरा समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा। राजनीतिक नियुक्तियों में भी वसुंधरा समर्थकों को महत्व मिलेगा।
राष्ट्रीय पदाधिकारी के अनुसार राज्य भाजपा सत्ता और संगठन की टीम में बड़ा बदलाव होगा। दो दिन पहले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।
कौन-कौन बन सकते हैं मंत्री
अब पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, सतीश पूनिया, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर विभिन्न आयोग एवं बोर्डों में राजनीतिक नियुक्ति दी जाएगी।
राष्ट्रीय नेतृत्व ने सीएम से वसुंधरा सहित प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक के वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा कर राजनीतिक नियुक्तियां करने के लिए कहा है। प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक भाजपा नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से उपकृत किया जाएगा।
