26/11 ताज हमला: कमांडो सुनील जोधा का दर्द—: राजस्थान सरकार ने नहीं ली सुध, सीने में आज भी दफन है एक गोली

Update: 2025-11-24 12:58 GMT



अलवर। 26/11 ताज होटल आतंकी हमले के 17 साल बाद भी अलवर के एनएसजी कमांडो सुनील जोधा अपने शरीर में दबी उस गोली के साथ जी रहे हैं, जो उनकी वीरता की जीवित निशानी है। महाराष्ट्र सरकार से लेकर बॉलीवुड तक उन्हें सम्मान मिल चुका है, लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं मिलने का मलाल उन्हें आज भी है।

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क्यों चर्चा में?

23 नवंबर को मुंबई में आयोजित Global Peace Honours 2025 में सम्मानित




 


शाहरुख खान, सुनील शेट्टी, फडणवीस और एकनाथ शिंदे मंच पर मौजूद

सभी ने कहा— “आप सिर्फ जिंदा शहीद नहीं, देश की जिंदा मिसाल हैं।”

26/11 का वह दिल दहला देने वाला दिन

मेजर उन्नीकृष्णन की टीम के साथ ऑपरेशन में शामिल

ताज होटल में फंसे 40 लोगों की जान बचाई

8 गोलियां लगने के बाद भी एक आतंकी को ढेर किया

7 गोलियां निकाली गईं, 1 गोली दिल के पास आज भी दबी

ग्रेनेड के स्प्लिंटर्स भी शरीर में मौजूद

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कैसे लगी थीं गोलियां?

अंधेरे में दूसरी मंजिल का कमरा तोड़ा

दरवाजा खुलते ही आतंकियों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग

वे जमीन पर गिर पड़े लेकिन खुद को मृत जैसा दिखाकर बचाई जान

7 दिन बाद अस्पताल में आया होश

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परिवार का साथ

हमले के वक्त बेटों की उम्र थी—

एक 6 महीने

दूसरा 2 साल

कार्यक्रम में पत्नी और बच्चों को मंच पर बुलाकर बोले:

“इनका त्याग भी किसी से कम नहीं।”

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सम्मान मिला… पर अपने राज्य से नहीं

महाराष्ट्र सरकार, मुंबई पुलिस और बॉलीवुड का कई बार सम्मान

लेकिन राजस्थान सरकार ने अब तक कोई सम्मान नहीं दिया

जोधा अब मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे

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जोधा की पीड़ा, पर गर्व भी

“गोलियां और दर्द तो शरीर में हैं,

लेकिन 40 लोगों की मुस्कान आज भी ताकत देती है।”


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