जालोर में डमी अभ्यर्थी से सरकारी नौकरी का खुलासा, एसओजी ने दर्ज किया मामला

Update: 2025-12-27 10:31 GMT

जालोर। नकल प्रकरण और डमी अभ्यर्थियों के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने के मामलों को लेकर जालोर जिला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। राज्य विशेष संचालन समूह एसओजी की जांच के बाद एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसमें भर्ती परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बैठाकर व्याख्याता पद हासिल करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में एसओजी ने प्रकरण दर्ज कर जांच तेज कर दी है।एसओजी को मिली शिकायत के अनुसार डेडवा निवासी अशोक कुमार ने स्वयं परीक्षा देने के बजाय चितलवाना कॉलेज के प्रोफेसर नरेश सारण को डमी अभ्यर्थी के रूप में बैठाया और इसी के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। जांच में सामने आया कि अशोक कुमार ई मित्र संचालक है और ऑनलाइन आवेदन भरने का काम करता है। उसने नरेश सारण के फोटो का उपयोग कर अपनी फोटो का क्लोन बनाकर आवेदन किया।एसओजी की जांच में यह भी सामने आया कि सांगडवा निवासी नरेश सारण ने जनवरी 2020 में जोधपुर की पुलिस लाइन स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में भर्ती परीक्षा दी थी। इसके अगले ही दिन उसने जालोर के जालोरी गेट गर्ल्स स्कूल में भूगोल विषय की परीक्षा भी दी। इन तथ्यों के आधार पर एसओजी ने मामले को गंभीर मानते हुए केस दर्ज किया है।

फिलहाल एसओजी की टीम अशोक कुमार और नरेश सारण दोनों की तलाश में जुटी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इस पूरे फर्जीवाड़े से जुड़े कई अहम खुलासे होने की संभावना है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस गिरोह में और कौन कौन लोग शामिल हैं।एसओजी ने स्पष्ट किया है कि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले के सामने आने के बाद एक बार फिर भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं और प्रशासन पर निगरानी व्यवस्था मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है।

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