मेयर चुनाव में बड़ा बदलाव: जनता सीधे चुनेगी महापौर, 16 साल बाद नियम बदलने की तैयारी

Update: 2025-10-18 06:50 GMT



 

जयपुर। राजस्थान में नगर निकाय चुनावों में **महापौर, सभापति और चेयरमैन** के चुनाव को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। **16 साल बाद मेयर का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराने की तैयारी** चल रही है। इस बदलाव के तहत अब पार्षदों की बजाय आम जनता ही **नगर निगमों के महापौर और नगर निकायों के प्रमुखों** को चुनेगी।

 शहरी विकास विभाग में गहन मंथन

इस प्रस्ताव पर **शहरी विकास एवं आवास (UDH) विभाग** में गहन मंथन चल रहा है। यूडीएच मंत्री **झाबर सिंह खर्रा** ने संकेत दिए कि **अंतिम फैसला दिवाली के बाद लिया जाएगा**। इसके पहले सरकार **विधायकों, सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों से राय लेने** की प्रक्रिया शुरू करेगी।

 

  2009 में शुरू हुआ प्रत्यक्ष चुनाव

राजस्थान में **2009 में पहली बार मेयर का चुनाव सीधे जनता द्वारा** कराया गया था। उस समय आम लोग अपने मताधिकार के जरिए नगर निगमों के प्रमुख को चुन सकते थे।

हालांकि, इस व्यवस्था में कई विवाद सामने आए थे। **मेयर और पार्षदों के बीच आपसी टकराव और असहमति** के कारण कई बार नगर निगमों के कामकाज पर असर पड़ा।

इसके बाद सरकार ने यह व्यवस्था बदलकर **मेयर का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से पार्षदों द्वारा** कराने का निर्णय लिया।

  क्यों जरूरी है बदलाव?

वर्तमान अप्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया में कई खामियां सामने आई हैं। कई विधायकों ने सरकार को शिकायत की है कि **अप्रत्यक्ष रूप से चुने गए मेयर और सभापति ठीक से काम नहीं कर रहे**, जिससे पार्षदों के साथ टकराव बढ़ रहा है।

इस कारण **नगर निगमों और निकायों के विकास कार्य प्रभावित** हो रहे हैं। यही वजह है कि सरकार **16 साल बाद पुरानी प्रत्यक्ष चुनाव व्यवस्था लागू करने पर विचार** कर रही है।


 

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