चित्तौड़गढ़ में वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान: सांस्कृतिक संध्या ने बांधा समा

चित्तौड़गढ़ । वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत गुरुवार की शाम इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में एक शानदार सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय विद्यालयों और स्काउट-गाइड के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिसमें कुल 14 स्कूलों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत गणेश वंदना और सरस्वती वंदना से हुई, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद, विद्यार्थियों ने पारंपरिक राजस्थानी गीत "केसरिया बालम" की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को राजस्थान की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया।
कार्यक्रम में जल संरक्षण के महत्व को दर्शाने के लिए एक लघु नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जिसने लोगों को पानी की बचत के प्रति जागरूक किया। राजस्थान के लोकनृत्यों और समूह नृत्यों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया, वहीं "पेड़ बचाओ" विषयक प्रस्तुति ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। देशभक्ति गीतों ने सभी में देशप्रेम की भावना जगाई।
इस अवसर पर डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट, प्रक्षिशु आईएएस रविंद्र मेघवाल, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महावीर शर्मा, एडीपीसी प्रमोद दशोरा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं प्रारंभिक राजेंद्र शर्मा और कई शिक्षकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पारस टेलर ने बखूबी किया।
सांस्कृतिक संध्या ने न केवल विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया, बल्कि जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने जल संरक्षण के महत्व को समझा और इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान को सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।