संभाग स्तरीय आरोग्य मेले में उमड़ी मरीजों की भारी भीड़, बहुविध चिकित्सा सेवाओं के साथ सम्मान समारोह आयोजित
चित्तौड़गढ़ । संभाग स्तरीय आरोग्य मेले में आमजन की भारी भागीदारी देखने को मिल रही है। प्रातःकाल से ही आयुष चिकित्सा पद्धति से जुड़े विभिन्न विभागों के स्टॉलों पर रोगियों की लंबी कतारें नजर आईं। मेले का मुख्य उद्देश्य आमजन को एक ही स्थान पर समग्र, सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
मेले में पादप प्रदर्शनी आमजन के आकर्षण का केंद्र बनी रही, जहां औषधीय पौधों की पहचान, उनके उपयोग एवं संरक्षण की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही काय चिकित्सा, पंचकर्म, प्रसूति एवं स्त्री रोग, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा, होम्योपैथिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद न्यूरो थेरेपी विभागों द्वारा निरंतर सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
आरोग्य मेले के अंतर्गत गैर-संक्रामक रोगों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि की स्क्रीनिंग की जा रही है। वहीं आयुर्वेद के माध्यम से प्रकृति परीक्षण कर रोगियों को उनके अनुरूप आहार-विहार एवं उपचार संबंधी परामर्श दिया जा रहा है। पंचकर्म विभाग द्वारा अग्निकर्म एवं जलौकावचरण (जोंक द्वारा रक्तमोक्षण) जैसी विशिष्ट आयुर्वेदिक सेवाओं का लाभ भी बड़ी संख्या में रोगियों ने उठाया।
मेले में प्रतिदिन हजारों लोग मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु क्वाथ सेवन कर रहे हैं, वहीं बच्चों के स्मृति व बल वर्धन हेतु स्वर्ण प्राशन भी कराया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर से 22 दिसंबर तक आयोजित नि:शुल्क शल्य चिकित्सा शिविर में उपचारित रोगियों का फॉलोअप किया गया। इस दौरान रोगियों की ड्रेसिंग की गई तथा आवश्यक परामर्श व औषधियां प्रदान की गईं। शिविर में कुल 155 मरीजों के ऑपरेशन किए गए थे, जिनमें से 140 रोगी फॉलोअप शिविर में उपस्थित रहे।
आरोग्य मेले के सफल आयोजन में योगदान देने वाले सभी चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ एवं कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह से उपस्थित कार्मिकों में उत्साह एवं प्रेरणा का संचार हुआ।
आरोग्य मेले के सहायक नोडल अधिकारी डॉ. तरुण कुमार प्रमाणिक ने बताया कि यह संभाग स्तरीय आरोग्य मेला न केवल उपचार एवं परामर्श का केंद्र है, बल्कि जन-जागरूकता, रोग निवारण तथा पारंपरिक एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के समन्वय का सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है।
