आंजना ने डॉ व्यास के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त कर ढांढस बंधाया

By :  vijay
Update: 2025-05-02 18:44 GMT
आंजना ने डॉ व्यास के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त कर ढांढस बंधाया
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उदयपुर/निंबाहेड़ा | कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवम् पूर्व केन्द्रीय मंत्री और समाजसेविका डॉ.गिरिजा व्यास के गुरुवार को निधन होने से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार को उदयपुर स्थित उनके निवास पर अंतिम दर्शन हेतु अनेक जनप्रतिनिधियों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं समाजसेवियों ने पहुंचकर श्रृद्धांजलि अर्पित की। पूर्व मुख्यमंत्री शोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित समस्त वरिष्ठ कांग्रेसजनों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से भी श्रद्धासुमन अर्पित किए।

राजस्थान सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना सहित निंबाहेड़ा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष सुभाषचंद्र शारदा, पूर्व विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष रविप्रकाश सोनी ने भी उनके आवास पहुंचकर डॉ.व्यास के पार्थिव शरीर पर भावपूर्ण पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए और परिजनों से शोक संवेदना प्रकट करते हुए ढांढस बंधाया।

पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने डॉ.व्यास को समाज की सशक्त आवाज बताते हुए कहा कि उनका जीवन समर्पण और संघर्ष का प्रतीक रहा। उन्होंने चित्तौड़गढ़ से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री रहते हुए क्षेत्र को कई सौगते दी जिनका लाभ आज भी क्षेत्रवासियों को मिल रहा है। आंजना ने कहा कि डॉ.गिरिजा व्यास का राजनीतिक जीवन सशक्त नेतृत्व, सेवा और समाज के प्रति समर्पण का एक अनुपम उदाहरण रहा। उन्होंने अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत एक शिक्षिका के रूप में की और अंग्रेजी साहित्य की प्राध्यापक रहीं। समाज सेवा की गहरी भावना के चलते वे राजनीति में आईं। वर्ष 1985 में वे पहली बार राजस्थान विधानसभा की सदस्य चुनी गईं, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा में तीन बार प्रतिनिधित्व किया। केंद्र सरकार में उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में अपनी सोच के अनुसार आमूलचूल परिवर्तन किए। 2005 से 2011 तक वे राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं, जहाँ उनके नेतृत्व में महिला अधिकारों, सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर कई प्रभावी कदम उठाए गए। वे एक संवेदनशील कवयित्री और लेखिका भी थीं, जिनके साहित्य में समाज और स्त्री चेतना की स्पष्ट झलक मिलती थी।

उपस्थित सभी कांग्रेजनो के एक स्वर ने कहा कि डॉ.व्यास का सम्पूर्ण जीवन नारी शक्ति, सामाजिक न्याय और सेवा भावना को समर्पित रहा। उनका निधन कांग्रेस पार्टी ही नहीं, देश की राजनीति एवं शिक्षा जगत के लिए भी एक अपूर्णीय क्षति है।

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