नरसाखेड़ी को ग्राम पंचायत बाड़ी में यथावत रखने की मांग, ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़), निम्बाहेडा तहसील के निकटवर्तीय ग्राम नरसाखेड़ी को ग्राम पंचायत बाड़ी से पृथक कर नवगठित ग्राम पंचायत कदमाली में शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में सोमवार को ग्रामवासियों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि वर्तमान में ग्राम पंचायत बाड़ी की जनसंख्या लगभग 4588 है, जो अधिकतम निर्धारित सीमा 5500 से कम है। ग्राम पंचायत बाड़ी में बाड़ी, नरसाखेड़ी और मलकपुरा राजस्व गांव शामिल हैं। ऐसे में नरसाखेड़ी को अलग करना न तो आवश्यक है और न ही व्यावहारिक।
प्रतिनिधियों ने बताया कि नरसाखेड़ी से बाड़ी की दूरी मात्र 2.5 किमी है, जबकि कदमाली की दूरी 5 किमी से अधिक है और वहां तक कोई सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं है। साथ ही, नरसाखेड़ी की सभी आवश्यक सेवाएं — जैसे कि बाजार, बैंक, स्वास्थ्य केंद्र, और कृषि संसाधन — बाड़ी से ही प्राप्त होते हैं।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रस्तावित नवसर्जित ग्राम पंचायत कदमाली की जनसंख्या मात्र 2398 है, जो नियमानुसार निर्धारित न्यूनतम सीमा (3000 ±15%) से भी कम है। इसके अतिरिक्त, नरसाखेड़ी और कदमाली की राजस्व सीमाएं भी प्रत्यक्ष रूप से नहीं जुड़तीं, जो तकनीकी रूप से प्रस्ताव को और भी कमजोर बनाता है।
प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि यदि ग्राम नरसाखेड़ी को पुनः ग्राम पंचायत बाड़ी में यथावत नहीं रखा गया, तो ग्रामीण लोकतांत्रिक विरोध स्वरूप आगामी चुनावों में मतदान का बहिष्कार करेंगे।
ज्ञापन की प्रतिलिपि उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार, निंबाहेड़ा को भी सौंपी गई।
जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन दौरान पूर्व सरपंच कैलाशचन्द्र आँजना, मानसिंह आँजना, भवानी सिंह, भगत सिंह, पूर्व वार्ड पंच वर्दीचंद जटिया, जसवंत सिंह, करण सिह, सुनील आँजना, दिलीप आँजना एवं दिलीप आँजना इत्यादि प्रतिनिधि मंडल के सदस्यगण उपस्थित थे।