डॉ. शकील अहमद बोले- चुनौतियों से निपटने के लिए ही बनी कांग्रेस, हासिल करेंगे बड़ी जीत

By :  vijay
Update: 2025-01-15 09:57 GMT

कांग्रेस के नए कार्यालय का उद्घाटन हो चुका है। इस अवसर पर कांग्रेस के बड़े नेताओं ने यह उम्मीद जाहिर की है कि पार्टी के नए कार्यालय से नई राजनीति का उदय होगा। इस अवसर पर हमारे संवाददाता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर शकील अहमद से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-

प्रश्न- डॉ. शकील अहमद, आज कांग्रेस के नए कार्यालय का उद्घाटन हुआ है। एक पुराने कांग्रेसी नेता होने के कारण आज आपका अनुभव क्या है, कैसा महसूस कर रहे हैं?

- बहुत ही अच्छा। बेहद आनन्ददायक क्षण है। बदलाव हमेशा नए अवसर लेकर के आता है। पुराने कार्यालय 24 अकबर रोड से हमने देश के विकास में एक ऐतिहासिक और रचनात्मक भूमिका निभाई थी। मुझे लग रहा है कि इस नए कार्यालय से भी हम एक नए इतिहास का निर्माण करेंगे। भारत के नव निर्माण में हम यहां से बड़ी भूमिका निभाएंगे और देश को प्रगति पथ पर ले जाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।

अभी तक जो कार्यालय था, वह सरकार का दिया हुआ था। हमारे पास अपना कोई कार्यालय नहीं था। इस नए भवन के उद्घाटन के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में कांग्रेस का अपना कार्यालय हो चुका है। निश्चित रूप से यह हर एक कांग्रेसजन के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। जो भी कांग्रेस से जुड़ा हुआ है, वह चाहे नेता हो या आम कार्यकर्ता, वह इस पल को गौरवान्वित होकर महसूस कर रहा है। हमारे लिए यह बड़ी खुशी की बात है।

प्रश्न: नए कांग्रेस कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग सहित कुछ संस्थानों की भूमिका पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। क्या कहेंगे?

- राहुल गांधी जी ने बिल्कुल ठीक टिप्पणी की है। लोकतंत्र किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं होती। यह सत्ता पक्ष, विपक्ष नागरिक और सभी संवैधानिक संस्थाओं की सामूहिक जिम्मेदारी होती है कि वह लोकतांत्रिक परंपराओं, मूल्यों और जनता के अधिकारों को सुरक्षित रखें। यदि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव (महाराष्ट्र के संदर्भ में) के मतदाताओं की संख्या के बीच एक करोड़ से अधिक का अंतर हो जाता है तो क्या यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह विपक्ष की शंकाओं का समाधान करे? मुझे लगता है कि देश को सफल लोकतंत्र की राह पर आगे बढ़ाने के लिए हम सब की जिम्मेदारी सामूहिक है। कोई भी संवैधानिक संस्था हो उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी देश की आम जनता के प्रति होती है। यदि कोई भी शंका पैदा होती है तो यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह आम जनता के मन में उठ रहे सवालों को दूर करे। मुझे लगता है कि कुछ संवैधानिक संस्थाओं के सामने विश्वसनीयता की एक बड़ी चुनौती है। उन्हें इन चुनौतियों पर खरा उतरने के लिए देश की आम जनता का विश्वास जीतना चाहिए।

प्रश्न- आप देश के सामने चुनौतियों की बात कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के सामने भी इस समय कई गंभीर चुनौतियां हैं। उन चुनौतियों से आप कैसे निपटेंगे?

- देखिए कांग्रेस का जन्म ही चुनौती से निपटने के लिए हुआ था। उस समय हमारी चुनौती गोरे अंग्रेजों से निपटने की थी, देश को आजाद करने की थी, आज हमारी चुनौती उन गोरे अंग्रेजों को अपना आदर्श मानने वाले काले अंग्रेजों से है। आप इस बात का विश्वास कीजिए कि जिस तरह हम गोरे अंग्रेजों से जीत हासिल करके देश को एक नई दिशा में आगे बढ़ाने में सफल हो सके, उसी तरह इन काले अंग्रेजों से भी जीतेंगे और देश को एक बार फिर नई दिशा दिखाने में सफल रहेंगे।

प्रश्न- कांग्रेस के ऊपर इस समय सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष हो हमला कर रहा है। क्या कहेंगे?

- यह देश का लोकतंत्र है। किसी भी पार्टी को किसी भी दूसरी पार्टी के ऊपर टिप्पणी करने का अधिकार है। वह हमारे सहयोगी रहे हैं। मेरा विश्वास है कि भविष्य में जब भी देश के सामने कोई गंभीर चुनौती आएगी, हम सब एक बार फिर साथ होकर लड़ेंगे। कहीं कोई भेद नहीं है। यह राजनीति है। थोड़ी बहुत टिप्पणियां चलती रहती हैं।

प्रश्न: इस समय दिल्ली का विधानसभा चुनाव भी चल रहा है। कांग्रेस के सामने दिल्ली की राजनीति में फिर से खड़े होने की बड़ी चुनौती है। आप क्या देख रहे हैं, कांग्रेस इस चुनाव में कितनी सफलता हासिल करेगी?

- मैंने आपसे कहा ना, कांग्रेस चुनौतियों से निपटने के लिए ही बनी है। चाहे वह देश की राजनीति की चुनौती हो या किसी अन्य मोर्चे की चुनौती हो, हम हर चुनौती से निपटना जानते हैं। दिल्ली में हमारा जनाधार अभी भी मजबूत है। जनता के विभिन्न वर्गों का, हर समुदाय के लोगों का कांग्रेस के साथ जुड़ाव बना हुआ है। लोग हमसे संपर्क कर रहे हैं और दिल्ली की स्थिति को बदलने के लिए कांग्रेस का सहयोग देना चाहते हैं। आप देखेंगे, दिल्ली का चुनाव कांग्रेस के लिए अच्छा परिणाम लेकर आएगा।

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