काना खेड़ा में रात्रि चौपाल: 75 से अधिक परिवाद दर्ज, अधिकांश का मौके पर निस्तारण
चित्तौड़गढ़। जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण एवं जनसंपर्क को मजबूत बनाने के उद्देश्य से भोपालसागर उपखंड की ग्राम पंचायत काना खेड़ा में गुरुवार रात रात्रि चौपाल का आयोजन किया गया। इस चौपाल की अध्यक्षता जिला कलक्टर आलोक रंजन ने की। चौपाल में 75 से अधिक परिवाद प्राप्त हुए, जिनमें से 60 से अधिक का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। कार्यक्रम में भोपालसागर प्रधान हेमेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
रात्रि चौपाल में विभिन्न विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में ग्रामीणों की समस्याओं को सुना गया और कई मामलों में तत्काल कार्यवाही की गई। प्रशासन द्वारा समस्याओं के त्वरित समाधान पर ग्रामीणों ने संतोष व्यक्त किया।
कलक्टर आलोक रंजन ने एसआईआर प्रक्रिया, ऑनलाइन सेवाओं, खेल मैदान, सड़क निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, बीपीएल परिवारों को राशन वितरण, रोड लाइट, नाला-नाली निर्माण और सफाई व्यवस्था सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को 10 दिन में कार्य पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
गांव में विद्यालय के पीछे लंबे समय से खराब पड़े हैंडपंप की मरम्मत मौके पर ही करवाई गई। साथ ही पाइपलाइन डलवाने, पशु बीमा और श्मशान भूमि आवंटन जैसे मामलों में भी तुरंत निर्णय लिए गए।
इसके अलावा कलक्टर ने ग्राम पंचायत की जनसंख्या के अनुरूप बिजली आपूर्ति, विद्यालयों की स्थिति तथा सीसी सड़क और नाली निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने बकाया कार्यों की प्रगति शीघ्र पूर्ण करने पर जोर दिया।
प्रधान हेमेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नाली और सड़क निर्माण, अतिक्रमण हटाने, खेत मार्ग खोलने, आंगनवाड़ी भवन सुधार और सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जुड़ी समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान किया जाए। चौपाल के दौरान एक ग्रामीण की पेंशन मौके पर ही स्वीकृत की गई।
कार्यक्रम में विद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जबकि प्रशिक्षक IAS रविंद्र कुमार मेघवाल ने बच्चों के प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी महेश गगोरिया, उपखंड अधिकारी अंकित सामरिया, तहसीलदार, विकास अधिकारी, विभिन्न विभागों के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
