देश को आई इंदिरा की याद, युद्ध में पाकिस्तान का करना था खात्मा:- जाड़ावत

By :  vijay
Update: 2025-05-10 14:50 GMT
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चित्तौड़गढ़ राजस्थान सरकार के पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने कहा भारत पाक युद्ध में बिना निर्णय अमेरिका की दवाब में आकर 2 दिन में सीजफायर करना समझ के परे है। उन्होंने कहा की भारतीय सेना ने बहुत शानदार तरीके से युद्ध लडा पाकिस्तान के एयरबेस के साथ युद्ध में स्तेमाल ड्रोन मिसाइल को नेस्तनाबूद कर दिया पाकिस्तान की कमर तोड दी हार की कगार पर खड़ा पाकिस्तान टुकड़ों में परिवर्तित हो जाता भारत के पास एक अच्छा मौका था. वह पाकिस्तान के साथ कश्मीर को लेकर निर्णायक युद्ध कर सकता था किंतु क्या सोचकर उन्होंने युद्ध विराम पर सहमति दी जबकि संपूर्ण विपक्ष और पुरे देश ने समर्थन दिया था की यह नासूर हमेशा के लिए खत्म होना चाहिए जो रह रहकर फन उठाता है युद्ध में सेना उनके सभी हमले को नाकाम कर रही थी पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन रही थी।

उन्होंने कहा की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भारतीय उपमहाद्वीप का भूगोल बदलने का श्रेय दिया जाता है.युद्ध के समय भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से काफी अपील की, लेकिन अमेरिका सहित सभी पश्चिमी शक्तियों ने इस संकट से मुंह मोड़ लिया था और अमेरिका पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा हो गया था और अपना सातवा बेड़ा भेज दिया था उसके बाद 1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान के साथ मात्र 13 दिन की लड़ाई लड़कर इस भूभाग पर बांग्लादेश के रूप में एक आजाद राष्ट्र की स्थापना करवाई. इस जंग में दिवंगत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के नेतृत्व कौशल की हर कोई तारीफ करता है. इसके बाद इंदिरा गांधी को आयरन लेडी की संज्ञा दी गई. पार्टी लाइन से ऊपर उठकर उस वक्त के तमाम राजनेताओं ने इंदिरा गांधी की तारीफ की थी उस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के पैटर्न टैंक, फाइटर जेट, एयरबेस, सहित तबाह कर दिए थे 16 दिसंबर 1971 को 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह दुनिया के युद्ध इतिहास में समर्पण की सबसे बड़ी घटना था और विपक्षी पार्टी के नेता अटल बिहारी वाजपेई ने मां दुर्गा का रूप बताया था।

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